प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

Cabinet approves implementation of Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana for 2021-26

प्रश्न-दिसंबर‚ 2021 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) 15 दिसंबर‚ 2021 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2021-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की।
(b) योजना हेतु इस अवधि तक के लिए 93,068 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
(c) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
(d) इस योजनांतर्गत त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम‚ हर खेत को पानी तथा वाटरशेड विकास घटकों को 2021-26 के दौरान जारी रखने की मंजूरी प्रदान की गई।
उत्तर—(c)
संबंधित तथ्य

  • 15 दिसंबर‚ 2021 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2021-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के क्रियान्वयन को मंजूरी प्रदान की।
  • योजना हेतु इस अवधि तक के लिए 93,068 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • साथ ही राज्यों के लिए 37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता तथा पीएमकेएसवाई 2016-21 के दौरान सिंचाई विकास के लिए भारत सरकार द्वारा लिए गए ऋण को चुकाने के संबंध में 20,434.56 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।
  • त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी)‚ हर खेत को पानी (एचकेकेपी) और भूमि‚ जल एवं अन्य विकास घटकों को भी वर्ष 2021-26 तक की अवधि तक जारी रखने को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
  • केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम का उद्देश्य सिंचाई परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • एआईबीपी के अंतर्गत 2021-26 के दौरान कुल अतिरिक्त सिंचाई क्षमता को 13.88 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य है।
  • चालू 60 परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा‚ जिसमें उससे संबंधित 30.23 लाख हेक्टेयर कमान क्षेत्र का विकास शामिल है‚ अतिरिक्त परियोजनाओं को भी शुरू किया जा सकता है।
  • जनजातीय क्षेत्रों और शीघ्र सूखे का सामना करने वाले क्षेत्रों की परियोजनाओं को शामिल करने के मानदंडों में कुछ छूट दी गई है।
  • रेणुकाजी बांध परियोजना (हिमाचल प्रदेश) और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना (उत्तराखंड) नामक दो राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए 90 प्रतिशत केंद्रीय वित्तपोषण का प्रावधान किया गया है।
  • दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में भंडारण की शुरुआत करेंगी‚ जिससे यमुना बेसिन के ऊपरी हिस्से के 6 राज्य लाभान्वित होंगे।
  • इसके साथ ही दिल्ली‚ हिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश‚ हरियाणा और राजस्थान को जलापूर्ति होगी।
  • हर खेत को पानी (एचकेकेपी) के तहत खेतों तक पानी की पहुंच में इजाफा करने और सुनिश्चित सिंचाई के तहत खेती योग्य भूमि का विस्तार करना शामिल है।
  • जल स्रोतों के उद्धार के महत्व के मद्देनजर मंत्रिमंडल ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों को दोबारा जीवित करने हेतु वित्तपोषण को मंजूरी प्रदान की है।
  • इस योजनांतर्गत उन्हें शामिल करने के मानदंडों को विस्तार किया गया है तथा केंद्रीय सहायता को आम क्षेत्रों के लिए 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है।
  • इसके अलावा एचकेकेपी के भूजल घटक को भी वर्ष 2021-22 के लिए अस्थायी रूप से मंजूरी किया गया है‚ जिसका लक्ष्य 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई क्षमता विकसित करना है।
  • भूमि संसाधन विकास के स्वीकृत वॉटरशेड विकास घटक में 2021-26 के दौरान संरक्षित सिंचाई के तहत अतिरिक्त 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि शािमल करने हेतु 49.5 लाख हेक्टेयर वर्षा सिंचित/अनुपजाऊ भूमि को कवर करने वाली स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने को परिकल्पना की गई है।
  • कार्यक्रम में स्प्रिंगशेड के विकास के लिए विशेष प्रावधान शामिल किए गए हैं।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को वर्ष 2015 में शुरू किया गया था।
  • इस योजनांतर्गत जल संसाधन विभाग‚ नदी विकास और गंगा संरक्षण के दो प्रमुख घटक-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और हर खेत को पानी शामिल हैं।
  • एचकेकेपी के चार उप-घटक हैं-कमान क्षेत्र विकास (सीएडी)‚ सतह लघु सिंचाई‚ जल स्रोतों का उद्धार सुधार और बहाली तथा भूजल विकास।
  • भूमि-जल विकास वाला हिस्सा भूमि संसाधन विकास द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।
  • पीएमकेएसवाई का दूसरा घटक (प्रतिबूंद अधिक फसल) कृषि एवं किसान कल्याण विभाग क्रियान्वित कर रहा है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1781719