प्रश्न-पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित लिंचिंग रोकथाम विधेयक के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन -सा तथ्य सही है?
(a) 30 अगस्त, 2019 को पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पश्चिम बंगाल (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक पारित किया गया।
(b) इस विधेयक में 3 साल की कैद से लेकर मृत्युदंड तक का प्रावधान है।
(c) यह विधेयक 17 जुलाई, 2018 को लिंचिंग पर अंकुश लगाने के उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में पारित किया गया।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) 30 अगस्त, 2019 को पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पश्चिम बंगाल (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक पारित किया गया।
(b) इस विधेयक में 3 साल की कैद से लेकर मृत्युदंड तक का प्रावधान है।
(c) यह विधेयक 17 जुलाई, 2018 को लिंचिंग पर अंकुश लगाने के उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में पारित किया गया।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 30 अगस्त, 2019 को पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा प. बंगाल (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक, 2019 पारित किया गया।
- यह विधेयक लिंचिंग पर अंकुश लगाने के उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में पारित किया गया है।
- इस विधेयक का उद्देश्य भीड़ के हमले और हिंसा को रोकना तथा इसके लिए दंड का प्रावधान करना है।
- इस विधेयक के तहत लिंचिंग निवारण की परिवीक्षा और समन्वय के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
- इसमें किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को घायल करने वालों के लिए तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।
- किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु कारित करने वालों के लिए मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया है।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत में लिंचिंग के निवारण के लिए पहला विधेयक मणिपुर ने 21 दिसंबर, 2018 को पारित किया था।
- 5 अगस्त, 2019 को राजस्थान विधान सभा द्वारा भी लिंचिंग रोकथाम विधेयक पारित किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई, 2018 को सर्वोच्च न्यायालय ने तहसीन पूनावाला बनाम भारत संघ के वाद में निर्णय देते हुए दिशा-निर्देश जारी किया था।
- न्यायालय ने स्पेशल टास्क फोर्स के गठन के साथ ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराये जाने का निर्देश दिया था।
- साथ ही ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 A के या अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर अधिकतम सजा देने का निर्देश दिया था।
लेखक-राहुल त्रिपाठी
संबंधित लिंक भी देखें…