नेलमंगला और बेल तक रो-रो सेवा

प्रश्न-पहली बार भारतीय रेल में रो-रो ट्रेन सेवाओं की शुरूआत कोंकण रेलवे में कब की गई थी?
(a) 1995
(b) 1999
(c) 2002
(d) 2014
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 30 अगस्त, 2020 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और रेल राज्यमंत्री सुरेश सी. अंगड़ी ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के नेलमंगला (बेंगलुरू के निकट) से बेल (सोलापुर के निकट) तक पहली बार रोल ऑन रोल ऑफ सेवा को हरी झंडी दिखाई। (रो-रो) विभिन्न वस्तुओं से भरे सड़क वाहनों को खुले समतल रेलवे वैगनों पर ले जाने की एक अवधारणा है।
  • रो-रो सेवा के माध्यम से दोनों स्थलों के बीच की यात्रा की अवधि मात्र 17 घंटे की होगी।
  • पहली बार वर्ष 1999 में भारतीय रेल में रो-रो ट्रेन सेवाओं को कोंकण रेलवे में शुरू किया गया था।
  • सोलापुर स्थित एक कंपनी मेसर्स जितेंद्र रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (जेआरआईपीएल) ने सोलापुर और बेंगलुरू के बीच रो-रो ट्रेन सेवाओं की व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाया।
  • दक्षिण मध्य और दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा अनुशंसित और मध्य रेलवे द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर रेलवे बोर्ड ने अप्रैल, 2020 में वाणिज्यिक शहरों नेलमंगला और बल के बीच रो-रो सेवा को मंजूरी प्रदान की थी।
  • गहन अध्ययन के पश्चात इन दोनों शहरों के बीच रो-रो रेल सेवाओं के लिए मार्ग तय किए गए हैं जो 4 राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से होकर गुजरते हैं।
  • बेंगलुरू-सोलापुर खंड पर रो-रो सेवाएं भारतीय रेलवे में केवल निजी तौर पर संचालित होंगी।
  • बेंगलुरू से मसाले, मेवे (ड्राई फ्रूटस), कच्चे नारियल कॉफी, नट्स इत्यादि जैसे कृषि उत्पादों को रो-रो सेवा के माध्यम से भेजे जाने की संभावना है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.newsbharati.com/Encyc/2020/8/31/Railway-.html

https://www.livemint.com/news/india/karnataka-cm-flags-off-ro-ro-train-service-between-bengaluru-and-solapur-11598763709323.html