प्रश्न-17 जून, 2019 का जारी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट ‘एक्टिव कैपिटल’ के अनुसार भारतीय निवेशकों का विदेशों में वाणिज्यिक रीयल एस्टेट में पूंजी निवेश 2018 की पहली तिमाही और 2019 की पहली तिमाही के बीच कितने प्रतिशत बढ़ा?
(a) 92 प्रतिशत
(b) 94 प्रतिशत
(c) 98 प्रतिशत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 92 प्रतिशत
(b) 94 प्रतिशत
(c) 98 प्रतिशत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 17 जून, 2019 को नाइट फ्रैंक ने विदेशी वाणिज्यिक रीयल एस्टेट पूंजी निवेश की प्रवृत्ति को दर्शाती एक रिपोर्ट एक्टिव कैपिटल (Active Capital) प्रकाशित किया।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय निवेशकों का विदेशों में वाणिज्यिक रीयल एस्टेट में पूंजी निवेश वर्ष 2018 की पहली तिमाही और वर्ष 2019 की पहली तिमाही के बीच 92 प्रतिशत बढ़कर 70 करोड़ डॉलर हो गया है।
- भारतीय निवेशक प्रवृत्तिः
- निवेशकों ने अपना रिटर्न बढ़ाने और जोखिम को कम करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के लिए वैश्विक बाजारों का उपयोग किया है।
- भारतीय पूंजी निवेश के लिए ब्रिटेन, नीदरलैंडस, जर्मनी, सं.रा. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शीर्ष निवेश गंतव्य रहे।
- भू-राजनीतिक कारकों के साथ दीर्घकालीन निवेश चक्र और ब्याज दरों को देखते हुए सीमा पार पूंजी प्रवाह में बढ़ोत्तरी हो रही है।
- भारत में विदेशी निवेश
- आलोच्य अवधि में भारतीय वाणिज्यिक रीयल एस्टेट में विदेशी निवेश 2.6 अरब डॉलर रहा।
- इस 2.6 अरब डॉलर के निवेश के साथ इस क्षेत्र में पूंजी आयात करने वाले देशों में भारत 20वें स्थान पर रहा।
- वहीं कुल 14.30अरब डॉलर के साथ चीन छठें स्थान पर रहा।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
- वैश्विक स्तर पर पूंजी आयात करने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष स्थान पर रहा।
- वहां कुल 80.88 अरब डॉलर का निवेश हुआ। इसके पश्चात क्रमशः यू.के. एवं जर्मनी का स्थान रहा।
- रिपोर्ट के अनुसार, पूंजी निवेश निर्यात करने वाले देशों में भी अमेरिका शीर्ष पर है।
- अमेरिका से 59.62 अरब डॉलर का निवेश किया गया।
- उसके बाद क्रमशः कनाडा (50.40 अरब डॉलर) तथा जर्मनी (24.49 अरब डॉलर) का स्थान रहा।
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