प्रश्न–हाल ही में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के बीच स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए नवाचार में वृद्धि हेतु समझौता–ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौते की प्रारंभ में मान्य अवधि क्या है?
(a) 2 वर्ष
(b) 3 वर्ष
(c) 4 वर्ष
(d) 5 वर्ष
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 30 अगस्त, 2018 को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के बीच स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए नवाचार में वृद्धि हेतु समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
- इस समझौता-ज्ञापन अंतर्गत भारत में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के अनुसंधान, विकास और अभिव्यक्ति (आरडी एंड डी) में तीव्रता लाने हेतु स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों में सहयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है।
- इससे नीति निर्माण के लिए आंकड़े तैयार करने तथा भारत और विश्व भर में नवाचार के लिए कारगर नीति बनाने में सहयता प्राप्त होगी।
- इस समझौता-ज्ञापन के तहत अनुसंधान, विकास और अभिव्यक्ति पर ऊर्जा नीतियों को साक्षा करने और डेटा संग्रह एवं विश्लेषण पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर दोनों पक्ष सहयोग करेंगे।
- इसमें प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसी गतिविधियों और वित्त के स्रोतों की पहचान करके ऊर्जा नवाचारों में तीव्रता लाने के लिए भी प्रावधान किया गया है।
- इस समझौते को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा स्थापित मिशन नवाचार की भारत इकाई द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के लिए समन्वित किया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के लिए यह कार्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और पहल इकाई करेगी।
- इस समझौते की प्रारंभ में मान्य अवधि 3 वर्ष है।
संबंधित लिंक…
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