टेली-लॉ प्रणाली का शुभारंभ

Tele-Law through CSCs To Mainstream Legal Aid in Rural India

प्रश्न-हाल ही में समाज के उपेक्षित समुदायों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत नागरिकों को कानूनी सहायता सुगमता से उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार द्वारा टेली-लॉ प्रणाली का शुभारंभ किया गया। प्रथम चरण के दौरान टेली-लॉ कार्यक्रम प्रायोगिक तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में कितने समान्य सेवा केंद्रों पर संचालित होगा?
(a) 400
(b) 450
(c) 500
(d) 550
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 11 जून, 2017 को समाज के उपेक्षित समुदायों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत नागरिकों को कानूनी सहायता सुगमता से उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार द्वारा टेली-लॉ प्रणाली का शुभारंभ किया गया।
  • इस कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से विधि और न्याय मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय करेंगे।
  • इसके लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पूरे देश में पंचायत स्तर पर संचालित सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) का उपयोग किया जाएगा।
  • प्रथम चरण के दौरान टेली-लॉ कार्यक्रम प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार में 500 सामान्य सेवा केंद्रों में संचालित होगा।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत टेली-लॉ नामक पोर्टल शुरू किया जाएगा जो समस्त कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क पर उपलब्ध होगा।
  • यह पोर्टल प्रौद्योगिकी सक्षम प्लेटफार्म की सहायता से नागरिकों को कानून सेवा प्रदाताओं के साथ संबद्ध करेगा।
  • टेली लॉ के माध्यम से लोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सामान्य सेवा केंद्रों पर वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
  • इसके अलावा लॉ स्कूल क्लिनिकों, जिला विधि सेवा प्राधिकारियों, स्वयंसेवी सेवा प्रदाताओं और कानूनी सहायता एवं अधिकारिता के क्षेत्र में कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों को भी सीएससी के साथ संबद्ध किया जाएगा।
  • राज्य विधि सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्यों की राजधानियों से वकीलों का एक पैनल उपलब्ध कराएगा।
  • यह पैनल आवेदकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करेगा।
  • इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक सामान्य सेवा केंद्र पर पैरा लीगल वालंटियर की नियुक्ति की जाएगी जो ग्रामीण नागरिकों के लिए संपर्क का पहला बिंदु होगा और कानूनी मुद्दे को समझने में उनकी मदद करेगा।
  • इन चयनित वालंटियरों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए जिससे कि वह अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन कर सकें।
  • इस परियोजना के अंतर्गत झारखंड के तीन जिलों के दस सामान्य सेवा केंद्रों और राजस्थान के 11 जिलों के 500 सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।
  • इसके तहत राजस्थान में 500 स्वयंसेवी विधि विशेषज्ञों को सामाजिक न्याय कानूनों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
  • इस कार्यक्रम के मध्यम से 1000 महिला अर्द्ध-विधिक स्वयं सेवकों के क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=165554
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=65432