प्रश्न-16 अगस्त, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने चारधाम परियोजना के पारिस्थितिक पहलुओं की समीक्षा हेतु किसकी अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति गठित करने का आदेश दिया है।
(a) न्यायमूर्ति राजेश नौटियाल
(b) रवि चोपड़ा
(c) सुनीता नारायण
(d) न्यायमूर्ति दीपक अग्रवाल
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 16 अगस्त, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को 22 अगस्त 2019 तक चारधाम परियोजना के पारिस्थितिक पहलुओं की समीक्षा हेतु एक स्वतंत्र समिति गठित करने का निर्देश दिया।
- समिति की अध्यक्षता प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एवं पीपुल्स साइंस इंस्टीट्यूट, देहरादून के निदेशक रवि चोपड़ा करेंगे।
- इसमें अंतरिक्ष विभाग भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के प्रतिनिधि और रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- समिति हिमालयन पारिस्थितिकी पर चार धाम परियोजना के ‘संचयी और स्वतंत्र प्रभाव’ (Cumulative and Independent impact) पर विचार करेगी।
- उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में चोपड़ा समिति को 4 माह के भीतर अपनी सिफारिशें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को देने को कहा है।
- उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश में बदलाव करते हुए पर्यावरण पहलुओं पर विचार के लिए इस समिति के गठन का आदेश दिया है।
- इससे पूर्व एनजीटी ने इस परियोजना पर निगरानी हेतु उत्तराखंड के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था।
- उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने चार धाम परियोजना को अपनी मंजूरी दी है।
- चारधाम परियोजना के बारे में
- यह केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसकी आधारशिला 27 दिसंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
- इस परियोजना के तहत उत्तराखंड में कुल 1200 करोड़ रुपये की लागत से 900 किमी. के राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य चारधाम तीर्थयात्रा केंद्रों (गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ) के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करना।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.thehindu.com/news/national/supreme-court-orders-committee-to-review-ecological-aspects-of-chardham-project/article29121551.ece