गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को केवल डीमैट स्वरूप में शेयर जारी तथा हस्तांतरित करना होगा

प्रश्न-निम्न कथनों पर विचार करें:
(1) 2 अक्टूबर, 2018 से गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को डीमैट स्वरूप में शेयर जारी करने एवं हस्तांतरित करने संबंधी अधिसूचना कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी की गई है।
(2) डीमैट स्वरूप पारदर्शिता बढ़ाने, निवेशक संरक्षण तथा सुव्यवस्थित गवर्नेन्स सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
(3) इस स्वरूप में शेयर हस्तांरण पर स्टाम्प ड्युटी के भुगतान से छूट मिलेगी।
उपर्युक्त कथनों के आधार पर निम्न में कौन सा/से विकल्प सत्य है/हैं-

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) सभी 1,2,3
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 1 सितंबर, 2018 को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई कि 2 अक्टूबर, 2018 से गैर-सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियों को केवल डिमैटीरियलाइज्ड स्वरूप में ही नए शेयरों को जारी एवं हस्तांतरित करना होगा।
  • मंत्रालय द्वारा कॉर्पोरेट क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने, निवेशक संरक्षण एवं सुव्यवस्थित गवर्नेन्स सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।
  • शेयरों के डीमैट स्वरूप में जारी होने के कारण कागजी स्वरूप वाले प्रमाण-पत्रों से जुड़े जोखिम जैसे-गुम हो जाने, चोरी होने, कट-फट जाने धोखाधड़ी आदि का अंदेशा नहीं रहेगा।
  • डीमैट स्वरूप की मदद से बेनामी शेयर धारिता, शेयरों को पिछली तारीख से जारी करने जैसे कदाचार को रोका जा सकेगा।
  • डीमैट स्वरूप में हस्तांतरण पर स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान से छूट मिलेगी।
  • इसमें प्रतिभूतियों के हस्तांतरण एवं गिरवी रखने इत्यादि में आसानी होगी।

लेखक-राजन शुक्ला

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