गुजरात में लौह युग का प्रमाण

प्रश्न-हाल ही में आई.आई.टी. खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा लौह युग से संबंधित साक्ष्य कहां से प्राप्त किए गए हैं?
(a) राजस्थान
(b) हरियाणा
(c) गुजरात
(d) उत्तर प्रदेश
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • नवंबर, 2019 में आई.आई.टी. खड़गपुर व अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं की टीम द्वारा गुजरात से लौह युग के साक्ष्य प्राप्त किए गए हैं।
  • इस टीम में-आई.आई.टी. खड़गपुर, पुरातत्व संस्थान, डेक्कन कॉलेज (पुणे), भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (कोलकाता) और कच्छ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शामिल थे।
  • शोध टीम द्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक थार रेगिस्तान स्थित गुजरात के ‘कच्छ के रन’ की सीमा में एक 3000 वर्ष पुरानी लौह युगीन बस्ती ‘करीम शाही’ में तथा 1500-900 वर्ष पुरानी मध्यकालीन बस्ती ‘विगकोट’ में खोजी गई।
  • इसका प्रकाशन ‘एल्सेवियर’ पत्रिका में ‘आर्कियोलॉजिकल रिसर्च इन एशिया’ शीर्षक से ऑनलाइन किया गया है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार आज से लगभग 5200-3300 वर्ष पूर्व हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद 3000 से 2500 वर्ष पूर्व के आस-पास लौह युग (चित्रित धूसर मृदभाण्ड) अस्तित्व में आया था।
  • पुरातत्वविदों ने गुजरात में सिंधु घाटी से लौह युग तक को ‘डार्क एज’ के संक्रमण के रूप में चित्रित किया है।
  • करीमशाही और विगकोट दोनों ही एक दुर्गम क्षेत्र हैं, जहां पर लौहयुगीन बस्तियों के प्रमाण मिले हैं।
  • इस टीम के मुख्य अन्वेषक आई.आई.टी. खड़गपुर के भू-विज्ञान और भू-भौतिकी विभाग की प्रो. अनिन्द्या सरकार (Pro. Anindya Sarkar) हैं।
  • प्राप्त मिट्टी के बर्तनों और चारकोल की तारीख की जांच के लिए उत्तेजित ल्यूमिनेंस (OSL) और रेडियो कार्बन विधियों का प्रयोग किया गया।
  • शोधकर्ताओं ने घड़े, सुराही, जानवरों की मूर्तियां और हड्डियों व दांतों के अवशेष प्राप्त किए।

लेखक-विमलेश कुमार पाण्डेय

संबंधित लिंक भी देखें…
http://ddnews.gov.in/people/iit-kharagpur-researchers-find-iron-age-evidence-gujarat