क्षमता विकास योजना को जारी रखने की स्वीकृति

प्रश्न-हाल ही में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने ‘क्षमता विकास योजना’ को जारी रखने की स्वीकृति दी। इस योजना का परिव्यय है-
(a)  2250 करोड़ रुपये
(b) 2150 करोड़ रुपये
(c)  2050 करोड़ रुपये
(d) 1950 करोड़ रुपये
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 12 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने ‘क्षमता विकास येाजना’ (Capacity Development Scheme) को जारी रखने की स्वीकृति प्रदान की।
  • यह योजना 2017-18 से 2019-20 की अवधि में जारी रहेगी।
  • उक्त अवधि में योजना का परिव्यय 2250 करोड़ रुपये होगा।
  • क्षमता विकास योजना सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की केंद्रीय योजना है।
  • योजना का समग्र उद्देश्य नीति निर्माताओं और जनता के लिए विश्वसनीय एवं समय पर सांख्यिकी उपलब्ध कराने के लिए संरचनात्मक, तकनीकी तथा मानव संसाधन को सशक्त करना है।
  • योजना के तहत सकल घरेलू उत्पाद, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, सांख्यिकीय वर्गीकरण, विविध सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कार्य, क्षमता सृजन एवं सांख्यिकी समन्वय का सशक्तीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी अवसंरचना में सुधार जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
  • ध्यातव्य है कि योजनांतर्गत अप्रैल, 2017 में शहरी क्षेत्रों में त्रैमासिक श्रम डेटा और पूरे देश (शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों) के लिए वार्षिक श्रम डेटा का आकलन करने के लिए ‘आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण’ (PLFS) का शुभारंभ किया गया।
  • क्षमता विकास योजना की दो उप-योजनाएं, नामतः आर्थिक गणना और सांख्यिकी  सशक्तीकरण हेतु समर्थन (SSS) हैं।
  • आर्थिक गणना उप-योजना के तहत समय-समय पर सभी गैर-कृषि प्रतिष्ठानों को सूचीबद्ध करने का कार्य किया जाता है जो विस्तृत सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण करने का आधार होता है।
  • विगत (61वीं) आर्थिक गणना जनवरी, 2013 से अप्रैल, 2014 के मध्य की गई थी।
  • सरकार का लक्ष्य भविष्य में आर्थिक गणना तीन वर्ष में एक बार कराए जाने का है।
  • एक मजबूत राष्ट्रीय प्रणाली के विकास की सुविधा के लिए राज्य/उप-राज्य स्तर पर सांख्यिकीय  प्रणाली/अवसंरचना को मजबूत करने के लिए ‘सांख्यिकीय सशक्तीकरण हेतु समर्थन’ (SSS) उप-योजना को लागू किया है।
  • उप-योजना के तहत राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के प्रस्ताव के विस्तृत परीक्षण के पश्चात राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को कोष जारी किए जाते हैं।
  • सांख्यिकीय और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा नियमित जारी गतिविधियों के अलावा सेक्टरों/क्षेत्रों के बेहतर सांख्यिकी आच्छादन के मद्देनजर क्षमता विकास योजना के तहत तीन नए सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • ये सर्वेक्षण हैं समय उपयोग सर्वेक्षण (TUS), सेवा क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASSSE) और अनिर्धारित क्षेत्र के उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (Asuse)।

लेखक-नीरज ओझा

संबंधित लिंक…
http://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1545799