कैंब्रिज एनालिटिकाः फेसबुक यूजर्स डेटा लीक स्कैंडल

प्रश्न-हाल ही में रिसर्च फर्म कैंब्रिज एनालिटिका फेसबुक यूजर्स के डेटा का गलत प्रयोग करने के आरोपों के कारण चर्चा में रही। इसका मुख्यालय कहां स्थित है?
(a) न्यूयॉर्क
(b) बीजिंग
(c) लंदन
(d) अबूधाबी
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • हाल ही में फेसबुक यूजर्स के व्यक्तिगत आंकड़ों (डेटा) का गलत प्रयोग करने के कारण ब्रिटेन की रिसर्च फर्म कैंब्रिज एनालिटिका चर्चा में रही।
  • आरोप है कि फेसबुक में कई तरह के एप्लीकेशन व गेम जैसे-‘आपका सच्चा दोस्त कौन है’ या ‘आप किस हॉलीवुड स्टार की तरह हैं’, का प्रयोग कर कैंब्रिज एनालिटिका ने लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को प्राप्त कर उनका गलत प्रयोग किया है।
  • कैंब्रिज एनालिटिका का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है। इसके सीईओ अलेक्जेंडर निक्स हैं।
  • भारत में कैंब्रिज एनालिटिका, स्ट्रैटेजिक कम्यूनिकेशंस लैबोरेटरिज इंडिया (एससीएल इंडिया) से जुड़ा है।
  • यह लंदन के एससीएल ग्रुप और ओवलेनो बिजनेस इंटेलिजेंस प्राइवेट लिमिटेड का साझा उपक्रम है।
  • 4 फरवरी, 2004 को शुरू हुई सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के चेयरमैन व सीईओ मार्क जुकरबर्ग हैं।
  • फेसबुक का मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया में है।
  • भारत के केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक से आंकड़े लीक होने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
  • अनुमान है कि भारत में लगभग 20 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं जिनके आंकड़ों का गलत प्रयोग आगामी चुनाव में होने की संभावना है।
  • सोशल मीडिया साइट फेसबुक के विश्व भर में अरबों यूजर्स हैं जिनकी डेटा सिक्योरिटी पर एक बार फिर से प्रश्न चिह्न लगाया गया है।
  • ध्यातव्य हो कि वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए ब्रितानी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया था जिससे लोगों के राजनीतिक रूझान का अंदाजा लगाया जा सकता था।
  • हालांकि दोनों ही कंपनियां अब तक इस तरह के आरोपों से इनकार करती रहीं थीं।
  • परंतु 21 मार्च, 2018 को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने जारी अपने वक्तव्य में माना कि सुरक्षा में चूक हुई है जिससे अन्य पक्षों तक यूजर्स के व्यक्तिगत आंकड़ों तक पहुंच सुनिश्चित हुई है।
  • फेसबुक के माध्यम से विश्वभर के फेसबुक यूजर्स तक आसानी से पहुंच बनाई जा सकती है तथा आवश्यकतानुसार इन यूजर्स को इनके शौक के आधार पर (पर्सनल डेटा में दी गई जानकारी के आधार पर) कई श्रेणियों जैसे-एजूकेशन, फैशन, खेल इत्यादि में वर्गीकृत कर सकते हैं।
  • फेसबुक में यूजर्स का आकर्षण अपनी ओर खींचने के लिए विभिन्न तरह के एप्लीकेशन और गेम बनाए जाते हैं।
  • एप्लीकेशन या गेम के लिंक पर क्लिक करते ही यूजर से लॉगिन करने के लिए कहा जाता है जो कि फेसबुक से लॉगिन करना बेहद आसान होता है।
  • लॉगिन करते ही एप्लीकेशन की यूजर के पर्सनल डेटा तक पहुंच सुनिश्चित हो जाती है, जिसकी अनुमति यूजर द्वारा लॉगिन करते समय ही दी गई थी।
  • हालांकि यूजर के एप्लीकेशन चलाने पर फेसबुक ने डेवलपर्स को डेटा एकत्रित करने पर प्रतिबंध लगाया है।
  • वर्ष 2013 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अलेक्सांद्र कोगन ने व्यक्तित्व पर आधारित क्विज बनाया जिसे लगभग 3 लाख फेसबुक यूजर्स ने इस्तेमाल किया।
  • फलस्वरूप उनके व उनके कुछ मित्रों के डेटा तक एप्लीकेशन की पहुंच सुनिश्चित हुई।
  • इस पर रोक लगाने हेतु वर्ष 2014 में बुक ने यूजर्स के मित्रों के डेटा तक पहुंच को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था।
  • इस प्रतिबंध के फलस्वरूप यूजर्स के मित्र का डेटा तब तक एप्लीकेशन को प्राप्त नहीं हो सकता था जब तक उसने एप्लीकेशन को डेटा के लिए अधिकृत न किया हो।
  • इन आंकड़ों का गलत प्रयोग विशेषकर चुनावों में किया जाता है। कैंब्रिज एनालिटिका पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी डेटा का गलत प्रयोग करने का आरोप था जिसके चलते फेसबुक भी आरोपों के कटघरे से अलग नहीं रह सका।
  • डेटा लीक होने पर विश्व के सभी देशों ने चिंता जताई है।
  • वैसे तो विज्ञापन फेसबुक की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। ग्राहकों का वर्गीकरण कर फेसबुक पर प्रचार करना बेहद आसान है।
  • ज्ञातव्य है कि वर्ष 2011 में मिस्र देश में क्रांति की शुरूआत फेसबुक के पेज ‘टुडे दे किल्ड खालिद’ (Today They Killed Khaled) से शुरू हुई। बाद में उस पेज का नाम ‘वी आर ऑल खालिद सेड’ (We Are All Khaled Said) रखा गया।
    डेटा सिक्योरिटी हेतु फेसबुक द्वारा उठाए गए ठोस कदम-
  • डेटा सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए फेसबुक ने वर्ष 2014 के पहले तक जानकारी प्राप्त कर चुके सभी डेवलपर्स के एप्लीकेशन की जांच के निर्देश भी दिए।
  • संदिग्ध गतिविधियों वाले सभी एप्लीकेशन की जांच होगी। जांच में सहयोग न करने पर उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
  • व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के कारणों के चलते अब एप्लीकेशन डेवलपर्स यूजर्स के नाम, प्रोफाइल फोटो और ईमेल एड्रेस की जानकारियों तक ही अपनी पहुंच सुनिश्चित कर सकेंगे। इसके अलावा अन्य जानकारी लेने के लिए यूजर्स की अनुमति लेनी होगी तथा करार पर हस्ताक्षर भी करने होंगे।

संबंधित लिंक
https://www.forbes.com/sites/kathleenchaykowski/2018/03/21/zuckerberg-speaks-on-breach-of-trust-in-cambridge-analytica-data-leak/#723e452a127d
http://www.bbc.com/news/technology-43458110
http://www.bbc.com/news/uk-43474760
http://www.bbc.com/news/technology-43456390
http://indianexpress.com/article/india/cambridge-analytica-row-ravi-shankar-prasad-rahul-gandhi-bjp-congress-facebook-data-breach-5106262/
https://www.bbc.com/hindi/international-43494278