केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21वें भारतीय विधि आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की

The Cabinet also approved the constitution of 21th Law Commission of India

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21वें भारतीय विधि आयोग के गठन को मंजूरी प्रदान की। जिसका कार्यकाल होगा-
(a) 1 अक्टूबर, 2015 से 30 सितंबर, 2018
(b) 1 सितंबर, 2015 से 31 अगस्त, 2017
(c) 1 सितंबर, 2015 से 31 अगस्त, 2018
(d) 1 नवंबर, 2015 से 31 दिसंबर, 2018
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 09 सितंबर, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 21वें भारतीय विधि आयोग (21st Law Commission of India) के गठन को मंजूरी प्रदान की।
  • उल्लेखनीय है कि 21वें विधि आयोग का कार्यकाल 1 सितंबर, 2015 से 31 अगस्त, 2018 तक, यानी 3 वर्षों का होगा।
  • 21वें विधि आयोग में निम्नलिखित पदाधिकारी होंगे-
    (i) पूर्णकालिक अध्यक्ष
    (ii) 4 पूर्णकालिक सदस्य (1 सदस्य सचिव सहित)
    (iii) वैधानिक कार्य विभाग के सचिव पदेन सदस्य के रूप में
    (iv) अंशकालिक सदस्य, जिनकी संख्या 5 से अधिक नहीं होगी।
  • गौरतलब है कि विधि आयोग केंद्र सरकार द्वारा उल्लिखित या स्वमेव आधार पर विधि संबंधी अनुसंधान करेगा और भारत में मौजूदा कानूनों की समीक्षा करेगा।
  • इसके अलावा विधि आयोग प्रक्रियाओं में देरी को दूर करने, मुकदमों को जल्द निपटाने और मुकदमे के खर्चों में कमी, इत्यादि संबंधी न्याय प्रणाली में सुधारों के लिए अध्ययन और अनुसंधान करेगा।
  • विधि आयोग के अन्य कार्यों में निम्नलिखित हैं-
    1. जो कानून प्रासंगिक नहीं रहे उनकी पहचान करना और बेकार तथा अनावश्यक कानूनों को रद्द करने की सिफारिश करना।
    2. नीति निर्देशक तत्वों के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक नए कानूनों को लागू करने के संबंध में सुझाव देना और संविधान की प्रस्तावना में व्यक्त उद्देश्यों को प्राप्त करना।
    3. कानून और न्यायिक प्रशासन से संबंधित विषयों पर सरकार को अपने दृष्टिकोण से अवगत कराना, जिन्हें विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग के जरिए सरकार द्वारा उल्लिखित किया गया हो।
    4. केंद्र सरकार को अपने द्वारा विचार किए सभी मुद्दों, विषयों, अध्ययनों और अनुसंधान पर केंद्र सरकार को समय-समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करना और इन रिपोर्टों के ऊपर कार्यवाई करने के लिए केंद्र और राज्य को सुझाव देना।
  • ज्ञातव्य है कि भारतीय विधि आयोग भारत सरकार द्वारा प्रत्येक 3 वर्ष पर गठित एक गैर-सांविधिक निकाय (non-statutory body) है।
  • गौरतलब है कि प्रथम विधि आयोग का गठन वर्ष 1955 में हुआ था, जिसके अध्यक्ष एम.सी. शीतलवाड़ थे।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=126744
http://www.lawcommissionofindia.nic.in/main.htm#a1