केंद्रीय बजट : 2017-18

Union Budget 2017-18

प्रश्न-1 फरवरी, 2018 को प्रस्तुत केंद्रीय आम बजट 2017-18 से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तय किया गया है।
(ii)मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है।
(iii) वित्त वर्ष 2017-18 में मनरेगा के लिए आवंटन 38,000 करोड़ रुपये किया गया है।
(iv) वर्ष 2019 तक भारतीय रेल के सभी कोचों में बायो शौचालय लगाया जाएगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं-

(a) केवल (i) और (iii)
(b)केवल (i), (ii) और (iv)
(c) केवल (ii) और (iv)
(d)उपर्युक्त सभी
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 1 फरवरी, 2017 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2017-18 के लिए केंद्र सरकार का बजट संसद में प्रस्तुत किया।
  • उल्लेखनीय है कि यह स्वतंत्र भारत का प्रथम संयुक्त बजट है जिसमें रेल बजट भी शामिल है।
  • पहली बार आम बजट के साथ एक समेकित आउटकम बजट भी पेश किया गया है, जिसमें सभी मंत्रालयों एवं विभागों को शामिल किया गया है।

केंद्रीय बजट 2017-18 की मुख्य विशेषताएं
कृषि और किसान कल्याण

  • चालू वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • वर्ष 2017-18 में कृषि संबंधी क्रेडिट को 10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर नियत किया गया है।
    किसानों को भी 31 दिसंबर, 2016 को की गई 60 दिन की ब्याज माफी का लाभ मिलेगा।
  • छोटे किसानों को ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए सरकार जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ सभी 63,000 कार्यरत प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसायटियों के कंप्यूटरीकरण और समेकन हेतु नाबार्ड को सहायता देगी।
  • फसल बीमा योजना के तहत व्याप्ति का दायरा 2015-16 में फसल क्षेत्र के 30 प्रतिशत से 2017-18 में बढ़ाकर 40 प्रतिशत और 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा। इसके लिए 9000 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
  • कृषि विज्ञान केंद्रों में नई लघु प्रयोगशालाएं और मृदा नमूना परीक्षण हेतु देश में सभी 648 कृषि विज्ञान केंद्रों की 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करना।
  • 5,000 करोड़ रुपये की आरंभिक निधि के साथ प्रति बूंद अधिक फसल प्राप्त करने के लिए नाबार्ड में समर्पित सूक्ष्म सिंचाई निधि की स्थापना।
  • राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की व्याप्ति का 250 बाजारों से 585 एपीएमसी तक विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक राष्ट्रीय कृषि बाजार को 75 लाख रुपये तक सहायता दी जाएगी।
  • माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किए गए अनुसार, नाबार्ड में पहले से ही स्थापित दीर्घावधिक सिंचाई निधि का 40,000 करोड़ रुपये की इस निधि की कुल राशि से 100 प्रतिशत तक अभिवर्धन किया जाएगा।
  • 2000 करोड़ रुपये की राशि के साथ नाबार्ड में डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास निधि की स्थापना की जाएगी और यह राशि 3 वर्षों में बढ़ाकर 8000 करोड़ रुपये की जाएगी।
  • ग्रामीण क्षेत्र
  • केंद्रीय बजट राज्यों के बजटों, स्व-सहायता समूहों आदि के लिए बैंक लिंकेज से ग्रामीण गरीबों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की जाएगी।
  • वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक 1 करोड़ परिवारों और 50 हजार ग्राम पंचायतों को वर्ष 2019 तक गरीबी से बाहर लाने के लिए ‘मिशन अंत्योदय’ शुरू करने की घोषणा।
  • मनरेगा के अंतर्गत कृषि से जुड़े 5 लाख के लक्ष्य की तुलना में, मार्च, 2017 तक खेती से जुड़े 10 लाख तालाबों का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
  • वर्ष 2017-18 के दौरान, खेती से जुड़े और 5 लाख तालाबों का कार्य शुरू किया जाएगा।
  • मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है।
  • 2017-18 में मनरेगा के लिए आवंटन अब तक का सर्वाधिक 48,000 करोड़ रुपये होगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) सड़कों के निर्माण की गति 2016-17 में बढ़कर 133 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई जबकि 2011-14 के दौरान यह औसतन 73 किलोमीटर थी।
  • सरकार ने नक्सलवाद प्रभावित ब्लॉकों में 100 व्यक्तियों से अधिक की आबादी वाले निवासों को पीएमजीएसवाई के अंतर्गत जोड़ने का कार्य आरंभ किया है। ऐसे सभी निवासों को 2019 तक कवर किए जाने की संभावना है और 2017-18 में राज्य के हिस्से सहित पीएमजीएसवाई के लिए आवंटन 27,000 करोड़ रुपये है।
  • केंद्र 1 मई, 2018 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयासरत।
  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और ऋण समर्थन स्कीमों के लिए आवंटन तीन गुना बढ़ा दिया गया है।
  • ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज अक्टूबर, 2014 की 42 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में नए कौशल विकसित करने के लिए 2022 तक 5 लाख व्यक्तियों को राजगीरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • पंचायती राज संस्थानों में ‘‘मानव संसाधन विकास के लिए परिणामों’’ के लिए ‘‘मानव संसाधन सुधार’’ नामक कार्यक्रम 2017-18 के दौरान प्रारंभ किया जाएगा।
  • ग्रामीण कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आवंटन 187223 करोड़ रुपये है।
  • शिक्षा कौशल एवं रोजगार
  • विद्यालयों में वार्षिक ज्ञान परिणाम को मापने के लिए एक प्रणाली शुरु की जाएगी।
  • सार्वभौमिक पहुंच, लिंग समानता और गुणवत्ता सुधार सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा हेतु नवाचार निधि शैक्षिक रूप से पिछड़े 3479 जिलों में प्रारंभ की जानी है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने के लिए स्वयं (एसडब्ल्यूएवाईएएम) प्लैटफार्म प्रारंभ किया जाएगा जिसमें कम से कम 350 ऑनलाइन पाठ्यक्रम शामिल हैं।
  • उच्च शिक्षण संस्थाओं में सभी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने के लिए स्वायत्त और स्व-संपोषित प्रमुख परीक्षा संगठन के रूप में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की स्थापना करना।
  • देशभर में 600 से ज्यादा जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों का विस्तार किया जाएगा।
  • 100 भारत अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र देश भर में स्थापित किए जाएंगे।
  • 4000 करोड़ रुपये की लागत से आजीविका संवर्धन हेतु कौशल अर्जन और ज्ञान जागरूकता कार्यक्रम (संकल्प) शुरू किया जाएगा। संकल्प 3.5 करोड़ युवाओं को बाजार संगत प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
  • औद्योगिक मूल्यवर्द्धन हेतु कौशल सुदृढ़ीकरण स्ट्राइव का अगला चरण भी 2017-18 में 2,200 करोड़ रुपये खर्च करके शुरु किया जाएगा।
  • पूरे विश्व में पर्यटन और रोजगार बढ़ाने के लिए अतुल्य भारत 2.0 अभियान शुरू किया जाएगा।
  • गरीब तथा विशेष सुविधाओं से वंचित वर्ग
  • 14 लाख आईसीडीएस आंगनवाड़ी केंद्रों में 500 करोड़ रुपये के आवंटन से महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषाहार के अवसरों के लिए एक स्टाप सामूहिक सहायता सेवाएं प्रदान करेगा।
  • मातृत्व लाभ योजना के अंतर्गत उस प्रत्येक गर्भवती महिला के बैंक खाते में सीधे 6,000 रुपये अंतरित कर दिए जाएंगे जो किसी चिकित्सा संस्था में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी।
  • गरीब परिवारों को प्राकृतिक आपदाओं से उनके घरों व घरेलू सामानों की हानि की भरपाई के लिए प्रभावी सामाजिक सुरक्षा तंत्र की व्यवस्था करने के लिए 1 लाख रुपये के कवर हेतु 100 रुपये के वहनीय वार्षिक प्रीमियम पर प्रधानमंत्री आपदा बीमा योजना नामक स्कीम शुरू की जाएगी।
  • राष्ट्रीय आवास बैंक 2017-18 में लगभग 20000 करोड़ रुपये के व्यष्टि आवास ऋणों का पुनर्वित्तपोषण करेगा।
  • सरकार ने वर्ष 2017 तक कालाजार और फिलारियासिस, वर्ष 2018 तक कोढ़, वर्ष 2020 तक खसरा और वर्ष 2025 तक तपेदिक समाप्त करने के लक्ष्य की कार्य योजना भी तैयार की है।
  • झारखंड और गुजरात में 2 नए एम्स स्थापित होंगे।
  • द्वितीयक और तृतीयक स्तरों की स्वास्थ्य देखभाल सुदृढ़ करने के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 5,000 स्नातकोत्तर सीटें सृजित करना।
  • अनुसूचित जातियों के लिए आवंटन को बजट अनुमान 2016-17 की तुलना में 35 प्रतिशत बढ़ाया गया है। अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटन बढ़ाकर 28,155 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक कार्यों के लिए 4,195 करोड़ रुपये कर दिया है।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार आधारित स्मार्ट कार्ड शुरु किए जाएंगे जिनमें उनके स्वास्थ्य संबंधी ब्यौरे निहित होंगे।
  • अवसंरचना (रेलवे)
  • रेल, सड़कें, पोत परिवहन सहित समूचे परिवहन क्षेत्र के लिए, 2017-18 में 2,41,387 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • 2017-18 के लिए, रेलवे के कुल पूंजीगत और विकास व्यय को 1,31,000 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा गया है। इसमें सरकार द्वारा प्रदत्त 55,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।
  • यात्रियों की संरक्षा के लिए, 5 वर्ष की अवधि में 1 लाख करोड़ रुपये की राशि के साथ ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ सृजित किया जाएगा।
  • ब्रॉड गेज लाइनों पर मानवरहित लेवल क्रॉसिंगों को 2020 तक समाप्त कर दिया जाएगा।
  • अगले 3 वर्षों में थ्रुपुट में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव है। इसे विनिर्दिष्ट गलियारों के आधुनिकीकरण और उन्नयन के माध्यम से किया जाएगा।
  • ई-टिकट पर सर्विस चार्ज नहीं लगाने की घोषणा।
  • क्रियान्वयन एवं वित्तपोषण के अभिनव मॉडलों के साथ-साथ हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के मानकीकरण एवं स्वदेशीकरण पर फोकस करते हुए एक ‘नई मेट्रो रेल नीति’ घोषित की जाएगी।
  • 2017-18 में 3,500 किलोमीटर रेलवे लाइन शुरू होगी।
  • 500 स्टेशनों को लिफ्ट और एस्कालेटर देकर दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाएगा।
  • मध्यावधि में लगभग 7,000 स्टेशनों को सौर ऊर्जा प्रदान करने का प्रस्ताव है।
  • एसएमएस आधारित क्लीन माई कोच सेवा शुरू की गई है।
  • कोचमित्र सभी कोच संबंधी शिकायतों और आवश्यकताओं को दर्ज करने के लिए एकल विंडो इंटरफेस शुरू किया जाएगा।
  • 2019 तक भारतीय रेल के सभी कोचों में बायो शौचालय लगाया जाएगा।
  • मौजूदा कानूनों को युक्तियुक्त बनाकर नया मेट्रो रेल अधिनियम अधिनियमित किया जाएगा।
  • सड़क सेक्टर में, राजमार्गों के लिए बजट आवंटन 2016-17 में 57,976 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2017-18 में 64,900 करोड़ रुपये किया गया।
  • तटीय क्षेत्रों की कनेक्टिविटी के लिए निर्माण और विकास हेतु 2,000 किमी. लंबी तटीय कनेक्टिविटी सड़कों को चुना गया है।
  • पीएमजीएसवाई सहित सड़कों की कुल लंबाई 2014-15 से मौजूदा वर्ष तक 1,40,000 किलोमीटर है, जो पिछले तीन वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।
  • 2 स्तरीय शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों को सरकारी निजी भागीदारी में प्रचालन और रख-रखाव के लिए लिया जाएगा।
  • भारत नेट के अंतर्गत 2017-18 के अंत तक ऑप्टिकल फाइबर पर हाईस्पीड ब्रॉड बैंड कनेक्टिविटी 1,50,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में उपलब्ध होगी।
  • डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से टेलीमेडीसिन, शिक्षा और कौशल प्रदान करने के लिए डिजीगांव पहल शुरू की जाएगी।
  • दो स्थानों अर्थात ओडिशा में चंडीखोले और राजस्थान के बीकानेर में स्ट्रेटेजिक कच्चा तेल भंडार स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसमें, 15.33 एमएमटी की स्ट्रेटेजिक भंडार क्षमता होगी।
  • सौर पार्क विकास के दूसरे चरण पर अतिरिक्त 20,000 एमएमटी के लिए कार्य किया जाएगा।
  • निर्यात अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक नई पुनर्संरचित वंफ्रेद्रीय स्कीम नामतः निर्यात हेतु व्यापार अवसंरचना स्कीम 2017-18 में शुरु की जाएगी।
  • वित्तीय सेक्टर
  • 2017-18 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड समाप्त किया जाएगा और एफडीआई नीति को और अधिक उदार बनाने पर विचार किया जा रहा है।
  • आईआरसीटीसी, आईआरएफसी ओर कोंकॉर जैसे रेलवे के शेयर स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किए जाएंगे।
  • एक समेकित सरकारी क्षेत्र ‘ऑयल मेजर’ के गठन का प्रस्ताव है, जो अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निजी क्षेत्र की तेल और गैस कंपनियों के निष्पादन में तालमेल स्थापित करेगा।
  • वर्ष 2017-18 में विविध सीपीएसई स्टॉक और अन्य सरकारी होल्डिंग से युक्त एक नए ईटीएफ की शुरुआत करना।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 2.44 लाख करोड़ रुपये का ऋण लक्ष्य नियत किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • डिजीटल अर्थव्यवस्था
  • अभी तक 125 लाख व्यक्तियों ने भीम एप को अपना लिया है। सरकार भीम की उपयोगिता को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं शुरू करेगी; ये हैं व्यष्टियों के लिए रेफरल बोनस योजना और व्यापारियों के लिए कैशबैक योजना।
  • आधार समर्थित भुगतान प्रणाली (AEPS) का व्यापारी संस्करण आधार पे शीघ्र ही शुरु किए जाएगा।
  • यूपीआई, यूएसएसडी, आधार पे, आईएमपीएस और डेबिट कॉर्डों के माध्यम से वर्ष 2017-18 के लिए 2500 करोड़ के डिजीटल लेनदेन के लक्ष्य को पूरा करने का मिशन शुरू करना।
  • बैंकों ने मार्च, 2017 तक अतिरिक्त 10 लाख नए पीओएस टर्मिनलों को शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
  • उन्हें सितंबर, 2017 तक 20 लाख आधार आधारित पीओएस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सार्वजनिक सेवा
  • मुख्य डाकघरों को पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए अग्रणी कार्यालयों के रूप में प्रयोग में लाना।
  • एक केंद्रीकृत रक्षा यात्रा प्रणाली विकसित की गई है जिसके माध्यम से हमारे सैनिक एवं अधिकारी यात्रा टिकटों को ऑनलाइन बुक करा सकेंगे।
  • रक्षापेंशन भोगियों के लिए वेब आधारित इंटरेक्टिव पेंशन वितरण प्रणाली स्थापित की जाएगी।
  • न्यायाधिकरणों की संख्या को युक्तिसंगत बनाना तथा जहां उपयुक्त हो न्यायाधिकरणों का आपस में विलय करना।
  • चंपारण और खोर्दा क्रांति दोनों की याद में उचित रूप में समारोहों का आयोजन करना।
  • राजकोषीय प्रबंधन
  • पिछले वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय हेतु आवंटन में 25.4 प्रतिशत की वृद्धि करना।
  • राज्यों तथा विधानमंडल वाले संघ राज्य क्षेत्रों को कुल 4.11 लाख करोड़ रुपये के संसाधन अंतरित किए जाएंगे जबकि 2016-17 के बजट अनुमान में 3.60 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए थे।
  • एफआरबीएम समिति ने आगामी तीन वर्षों के लिए 3 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की सिफारिश की है।
  • संपोषणीय ऋण लक्ष्य और सार्वजनिक निवेश की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.2 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा सरकार आगामी वर्ष, वर्ष 2018-19 में 3 प्रतिशत आंकड़े को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • 2017-18 में सरकार की निवल बाजार उधार 3.48 लाख करोड़ रुपये तक निर्धारित की गई जो पिछले वर्ष के 4.25 लाख करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम है।
  • बजट अनुमान 2016-17 में 2.3 प्रतिशत का राजस्व घाटा हुआ था जो घटाकर संशोधित अनुमान में 2.1 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • अगले वर्ष के लिए राजस्व घाटा 1.9 प्रतिशत निर्धारित किया गया है जबकि एफआरबीएम अधिनियम के तहत 2 प्रतिशत राजस्व घाटे का लक्ष्य अधिदेशित किया गया था।
  • विकास की गति को तीव्र बनाने के उपाय
    विदेशी वाणिज्यिक उधार या बांडों अथवा सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी निकायों द्वारा अर्जित ब्याज पर 5 प्रतिशत प्रभारित रियायती विदहोल्डिंग दर को 30.06.2020 तक विस्तार दिया गया है।
  • न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) क्रेडिट वर्तमान में 10 वर्षों के स्थान पर 15 वर्ष की अवधि तक आगे बढ़ाने की अनुमति है।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कंपनियों को और सशक्त बनाने के लिए, 50 करोड़ रुपये तक के वार्षिक पण्यावर्त वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • बैंकों को गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों हेतु अनुज्ञेय प्रावधान को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.5 प्रतिशत करना सभी गैर-अनुसूचित बैंकों के एनपीए खातों के संबंध में प्रोद्भूत आधार के बजाय वास्तविक प्राप्ति पर प्राप्त ब्याज पर अनुसूचित बैंकों के समान ही कर लगाया जाना।
  • एलएनजी पर बुनियादी सीमाशुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
  • 3 लाख रुपये से अधिक के किसी भी का लेनदेन नकदी में करने की अनुमति नहीं होगी।
  • एम-पीओएस के लिए मिनिएचराइज्ड पीऑएस कार्ड रीडर, माइक्रो एटीएम स्टैंडर्ड वर्जन 1.5.1, फिंगर प्रिंट रीडर/स्कैनर और आईरिस स्कैनर तथा उनके
  • कलपुर्जे और इस प्रकार के उपकरणों के विनिर्माण हेतु कालपुर्जों को बीसीडी/उत्पाद शुल्क/सीवी शुल्क और एसएडी से छूट।
  • चुनावी निधिपोषण में पारदर्शिता
  • एक राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति से नकद चंदे के रूप में अधिकतम 2000 रुपये की राशि प्राप्त कर सकती है।
  • राजनीतिक पार्टियां अपने दाताओं से चैक या डिजिटल माध्यम से चंदा प्राप्त करने के लिए पात्र होंगी।
  • भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन करना कि भारत सरकार द्वारा इस संबंध में किसी योजना के अनुसार चुनाव बांड जारी किए जा सके।
  • प्रत्येक राजनीतिक पार्टी को आय कर अधिनियम के उपबंधों के अनुपालन में निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी विवरणी प्रस्तुत करनी होगी।
  • राजनीतिक पार्टियों को आय कर के भुगतान से मौजूदा छूट केवल इन शर्तों को पूरा करने के अध्यधीन ही मिलेगा।
  • व्यक्तिगत आय-कर
  • 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति निर्धारितियों के लिए काराधान की मौजूदा दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करना।
  • भारत के किसी नागरिक के लिए जिसकी आयु 60 वर्ष से अधिक या 80 वर्ष से कम हो उसके लिए व्यक्तिगत कर सीमा में 3 लाख तक की छूट दी जाएगी।
  • इसी तरह से 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत आय कर छूट सीमा 5 लाख रुपये है।
  • जिन व्यक्तियों की वार्षिक कर योग्य आय 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच है, उन पर देय कर का 10 प्रतिशत अधिभार।
  • वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
  • वस्तु एवं सेवाकर परिषद ने आयोजित 9 बैठकों के आधार पर आम राय से लगभग सभी मुद्दों पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप प्रदान कर दिया है।
  • जीएसटी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली तैयार करने का कार्य भी अनुसूची में है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=59367
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=157869
http://indiabudget.gov.in/glance.asp
http://indiabudget.gov.in/ub2017-18/bag/bag1.pdf