कुंभ मेला यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल

List of the Intangible Cultural Heritage of Humanity

प्रश्न-हाल ही में यूनेस्को ने कुंभ मेला को अपनी ‘मानवता की अर्मूत सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल किया। निम्न में किस जगह पर कुंभ मेला का आयोजन नहीं किया जाता है?
(a) देवप्रयाग
(b) नासिक
(c) हरिद्वार
(d) उज्जैन
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 7 दिसंबर, 2017 को यूनेस्को ने हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ में शामिल ऐतिहासिक एवं पौराणिक ‘कुंभ मेले’ को अपनी ‘मानवता की अर्मूत सांस्कृतिक विरासत की सूची’ में शामिल किया।
  • संयुक्त राष्ट्र के सांस्कृतिक निकाय यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप पर हुए 12वें सत्र में कुंभ मेला को इस सूची में रखने की मंजूरी दी।
  • उल्लेखनीय है कि इसे योग एवं नौरूज के बाद प्रसिद्ध कुंभ मेले की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित कराने को देश की उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।
  • गौरतलब है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवासुर संग्राम के दौरान अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें छलक गई थीं।
  • वे बूंदे पृथ्वी पर प्रयाग (इलाहाबाद), नासिक (महाराष्ट्र), उज्जैन (मध्य प्रदेश) और हरिद्वार (उत्तराखंड) में गिरी थीं।
  • अमृत गिरने के कारण बारी-बारी से स्थानों पर प्रति 12 वर्षों में कुभ मेला का आयोजन किया जाता है।
  • जबकि प्रयाग और हरिद्वार में प्रति 6 वर्ष बाद अर्द्धकुंभ का आयोजन होता है।

संबंधित लिंक
https://en.unesco.org/news/twelve-new-elements-inscribed-representative-list-intangible-cultural-heritage-humanity
http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/unesco-names-kumbh-mela-intangible-cultural-heritage/article21293491.ece
http://ddinews.gov.in/people/kumbh-mela-intangible-cultural-heritage-humanity-unesco