ओडिशा में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की शुरूआत

प्रश्न-हाल ही में ओडिशा सरकार ने तटीय समुदायों और मछुआरों को सायरन टावरों के माध्यम से आने वाले चक्रवात और सुनामी के संबंध में चेतावनी देने हेतु प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणाली की शुरूआत की। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह प्रणाली 29 अक्टूबर, 2018 को शुरू की गई।
(b) यह भारत में शुरू की गई अपनी तरह की पहली प्रणाली है।
(c) इसका उद्देश्य राज्य के लोगों को समय पर प्राकृतिक आपदा की जानकारी प्रदान करना है।
(d) यह प्रणाली एशियाई विकास बैंक की सहायता के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त सहयोग से शुरू की गई है।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 29 अक्टूबर, 2018 को ओडिशा सरकार ने तटीय समुदायों और मछुआरों की सायरन टावरों के माध्यम से आने वाले चक्रवात और सुनामी के संबंध में चेतावनी देने हेतु प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणाली का शुभारंभ किया।
  • यह भारत में शुरू की गई अपनी तरह की पहली प्रणाली है।
  • 480 किमी. लंबे समुद्री तट के साथ तटीय जिलों में कुल 122 साइज टावर स्थापित हैं, जो भुवनेश्वर स्थित राज्य आपातकालीन केंद्र से संचालित हैं।
  • इस प्रणाली का उद्देश्य राज्य के लोगों को समय पर प्राकृतिक आपदा की जानकारी प्रदान करना है।
  • यह प्रणाली विश्व बैंक की सहायता के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त सहयोग से शुरू की गई है।
  • यह राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना के तहत अंतिम मील (Mile) कनेक्टिविटी कार्यक्रम का एक हिस्सा है।
  • प्रारंभिक चेतावनी प्रसार प्रणाली के तहत छह तटीय जिलों बालासोर, भद्रक, जगतसिंह पुर, केन्द्रपाड़ा, पुरी और गंजाम को आच्छादित किया गया है।
  • यह प्रणाली ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओडिशा में आए सुपर चक्रवात की 19वीं सालगिरह पर राज्य की जनता को समर्पित किया।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक…
www.business-standard.com/article/news-ians/odisha-launches-early-warning-system-118102900622_1.html