प्रश्न-उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्त विनियमन) (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2017 के माध्यम से मूल नियमावली, 2009 के नियम 281 में श्रमिकों के अंशदान की अवधि को 5 वर्ष से घटाकर कितना कर दिया गया?
(a) 1 वर्ष
(b) 2 वर्ष
(c) 3 वर्ष
(d) 4 वर्ष
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 2 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को आवास निर्माण के लिए सुगमता से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु ‘उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्त विनियमन) नियमावली-2009’ में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई।
- उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्त विनियमन) (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2017 के माध्यम से मूल नियमावली, 2009 के नियम 281 में श्रमिकों के अंशदान की अवधि को कम किया गया है।
- इसके तहत श्रमिकों के अंशदान की अवधि को न्यूनतम पांच वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दिया गया है।
- इससे अधिकाधिक श्रमिकों को आवास निर्माण/क्रय हेतु आर्थिक सहायता का लाभ मिल सकेगा।
- श्रम विभाग में सीमित जनशक्ति होने, सर्वे में पारदर्शिता व वस्तुनिष्ठा सुनिश्चित करने तथा बड़े पैमाने पर उपकर देयता वाले निर्माण के दृष्टिगत उ.प्र. भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा ऐसे निर्माण चिह्नित करने हेतु जी.आई.एस. सर्वे कराने का निर्णय किया था।
- इन नियमों में और अधिक स्पष्ट व्यवस्था करने के दृष्टिकोण भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा-शर्त विनियमन) (तृतीय संशोधन) नियमावली, 2017 के माध्यम से मूल नियमावली, 2009 के नियम 283 में संशोधन किया गया है।
- उक्त संशोधन के माध्यम से उपकरण की धनराशि के आकलन हेतु ऐसे निर्माणों के चिह्नितकरण हेतु जी.आई.एस. या किसी अन्य आधुनिक तकनीक के माध्यम से सर्वेक्षण कराने तथा नियमों से आच्छादित करने का प्रबंध किया गया है।
संबंधित लिंक
http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=884