प्रश्न-उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) (तैतालीसवां संशोधन नियमावली, 2017 के संदर्भ में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इस नियमावली उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा 2 अगस्त, 2017 को मंजूरी प्रदान की गई।
(b) नई नीति के अनुसार पट्टों का नवीनीकरण नहीं होगा।
(c) नदी तल के क्षेत्रों के पट्टे की अवधि 5 वर्ष किए जाने का प्रस्ताव है।
(d) नदी तल में प्राप्त उपखनिजों से भिन्न उपखनिजों हेतु राज्य सरकार के विशेषाधिकार के तहत खनन पट्टा की अवधि 10 वर्ष से अधिक किन्तु 15 वर्ष से अनधिक किया जाना प्रस्तावित है।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 1 अगस्त, 2017 को उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद द्वारा उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) (तैतालीसवां संशोधन) नियमावली, 2017 के प्राख्यापन को मंजूरी प्रदान की गई।
- उत्तर प्रदेश खनन नीति, 2017 के अनुसार प्रदेश में ई-निविदा/ई-नीलामी/ई-निविदा सह ई-नीलामी के माध्यम से उपखनिजों को 5 वर्ष की अवधि या उससे अधिक अवधि हेतु परिहार पर स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है।
- नई नीति के अनुसार पट्टों का नवीनीकरण नहीं होगा।
- नदी तल में प्राप्त उपखनिजों से भिन्न उपखनिजों हेतु राज्य सरकार के विशेषाधिकार के तहत खनन पट्टा की अवधि 10 वर्ष से अधिक किन्तु 15 वर्ष से अनधिक किया जाना प्रस्तावित है।
- प्रस्तावित संशोधन द्वारा नीलाम/ई-निविदा/नीलाम एवं निविदा या ई-निविदा के स्थान पर ‘ई-निविदा/ई-नीलामी/ई-निविदा सह ई-नीलामी’ किया गया है।
- नदी तल के क्षेत्रों के पट्टे की अवधि 5 वर्ष की निश्चित अवधि हेतु तथा स्वस्थानें चट्टान किस्म के इमारती पत्थर क्षेत्रों के लिए अधिकतम 20 वर्ष की पट्टा अवधि तक दिए जाने का प्रस्ताव है।
- इसके अतिरिक्त मुख्य खनिज के रूप में परिभाषित, जिसे भारत सरकार द्वारा दिनांक 10.2.2015 को जारी अधिसूचना के अनुसार उपखनिज के रूप में घोषित किया गया है, के क्षेत्रों के लिए 32 वर्ष (02 वर्ष का पूर्व सर्वेक्षण तथा 30 वर्ष का खनन पट्टा) की अवधि हेतु खनन पट्टा दिया जाना प्रस्तावित है।
संबंधित लिंक
http://www.jagran.com/uttar-pradesh/lucknow-city-e-secretariat-will-work-in-uttar-pradesh-from-october-16473591.html
http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=473
http://www.upnewslive.com/wp-content/uploads/2017/08/pn-cm-cabinet-decisions-01-august-2017.pdf