उच्चतम न्यायालय द्वारा दहेज उत्पीड़न मामले में पुलिस द्वारा तत्काल गिरफ्तारी से रोक पर दिशा-निर्देश

Supreme Court Issues New Guidelines To Prevent Misuse Of S.498A IPC

प्रश्न-हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की किस धारा के तहत दहेज उत्पीड़न मामले में पुलिस द्वारा तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई?
(a) धारा 198-ए
(b) धारा 398-ए
(c) धारा 218-ए
(d) धारा 498-ए
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 27 जुलाई, 2017 को उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 1983 में बने दहेज प्रताड़ना निरोधक कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए का दुरुपयोग रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए।
  • यह निर्देश न्यायमूर्ति ए.के. गोयल और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की पीठ ने दिया।
  • इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने आईपीसी की धारा 498-ए के तहत दायर दहेज उत्पीड़न के मामलों में पति और उनके परिवार के सदस्यों की तत्काल गिरफ्तारी को समाप्त कर दिया।
  • अब आईपीसी की धारा 498-ए के तहत मामलों को प्रत्येक जिले में गठित परिवार कल्याण समिति (FWC) के समक्ष भेजा जाएगा।
  • समिति अपनी रिपोर्ट एक माह में मजिस्ट्रेट या पुलिस को भेजेगी।
  • समिति की रिपोर्ट के बाद ही जांच अधिकारी (IO) या मजिस्ट्रेट देखेगा कि कार्यवाही की जाए या नहीं।
  • अर्थात समिति की रिपोर्ट मिलने तक पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं करेगी।
  • जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रत्येक जिले में तीन सदस्यीय परिवार कल्याण समिति गठित करेगी, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त व्यक्तियों, पैरा लीगल वालिंटियर्स और अन्य नागरिक, जो उपयुक्त और तैयार हैं, आदि शामिल हो सकते हैं।
  • हालांकि, इन समिति के सदस्यों को गवाह के रूप में नहीं माना जाएगा।


संबंधित लिंक

http://www.supremecourtofindia.nic.in/supremecourt/2017/6593/6593_2017_Order_27-Jul-2017.pdf
http://indiatoday.intoday.in/story/supreme-court-dowry-case-section-498a-family-welfare-committees/1/1012953.html
http://www.livelaw.in/breaking-misuse-of-s-498a-sc-directs-to-form-family-welfare-committees-to-examine-each-cases-no-arrests-before-committees-report-read-new-guidelines/
http://www.asianage.com/india/all-india/280717/supreme-court-concerned-over-misuse-of-dowry-law.html