इसरो और भेल में समझौता

प्रश्न-हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किस हेतु भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करार किया?
(a) इंजन बनाने की तकनीकी के हस्तांतरण हेतु
(b) लीथियम-आयन बैटरियों के उत्पादन हेतु
(c) उपग्रह निर्माण में साझेदारी हेतु
(d) उपर्युक्त में कोई नहीं
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 22 मार्च, 2018 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष कार्यों में उपयोग होने वाली लीथियम-आयन बैटरियों के उत्पादन हेतु भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का करार किया।
  • इस करार पर इसरो के बंगलुरू स्थित मुख्यालय में इसरो अध्यक्ष के. सिवान तथा भेल के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक अतुल सोबती की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
  • इसरो द्वारा लीथियम-आयन बैटरियों का उपयोग उनके अत्याधिक ऊर्जा घनत्व, विश्वसनीयता और लंबी अवधि तक संचालित होने के गुणों के कारण उपग्रह और अंतरिक्ष यानों के प्रक्षेपण हेतु ऊर्जा स्रोतों के रूप में किया जाता है।
  • इसरो के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में अंतरिक्ष संबंधी कार्यों में उपयोग की जाने वाली लीथियम-आयन बैटरियों का निर्माण करने की प्रौद्योगिकी को विकसित किया गया है।
  • लीथियम-आयन बैटरियों का उपयोग वर्तमान समय में ऊर्जा स्रोत के रूप में विभिन्न उपग्रहों और अंतरिक्ष यानों के प्रक्षेपण के लिए किया जाता है।
  • लीथियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से भेल ऐसी बैटरियों के विनिर्माण में सक्षम हो जाएगा जिससे देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की आवश्यकताएं पूरी की जा सकेगी।
  • राष्ट्रीय स्तर पर अन्य कार्यों हेतु भी लीथियम-ऑयन बैटरियों के विनिर्माण के लिए यह तकनीक अपनायी जा सकेगी।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=177903
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=71376
https://www.isro.gov.in/update/23-mar-2018/isro%E2%80%93bhel-tie-production-of-space-grade-lithium-ion-cells