प्रश्न-हाल ही में आर.बी.आई द्वारा चालू खाता खोलने और संचालन पर कड़े नियम का प्रस्ताव किया गया है। इस संबंध में निम्नलिखित में कौन सा कथन सत्य है?
(a) यह नियम व्यवसाय उधारकर्ताओं के लिए है।
(b) यह नियम बैंकिंग प्रणाली से 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं लेने वाली कंपनियों के लिए है।
(c) यह प्रस्ताव आरबीआई ने ड्राफ्ट सर्वफ्रुलर द्वारा अधिसूचित किया।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) यह नियम व्यवसाय उधारकर्ताओं के लिए है।
(b) यह नियम बैंकिंग प्रणाली से 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं लेने वाली कंपनियों के लिए है।
(c) यह प्रस्ताव आरबीआई ने ड्राफ्ट सर्वफ्रुलर द्वारा अधिसूचित किया।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- अप्रैल, 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ड्राफ्ट सर्कुलर के माध्यम से कार्पोरेट कर्जदारों के चालू खाता खोलने और संचालन पर नियम कड़े करने का प्रस्ताव किया गया है।
- आरबीआई ने अधिसूचित किया था कि संग्रह खातों वाले बैकों को चालू खाते में धनराशि हस्तांतरित करनी होगी और चालू खाते केवल ऋण देने वाले संगठनों (Consortiun) के मुख्य बैंक (Lead Bank) के साथ खोले जा सकते हैं।
- मुख्य बिंदु-
- यह नियम उन कंपनियों पर लागू होगा जिन्होंने बैंकिग प्रणाली से 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाओं का इस्तेमाल किया है।
- 5 से 50 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाओं का इस्तेमाल करने वाले ग्राहक किसी भी बैंक के साथ चालू खाते खोल सकते हैं।
- केवल संग्रह खाते ही ऋण बैंकों के साथ चलाए जा सकते हैं।
- खातों में आहरण (डेबिट) को ऋण संघ के प्रमुख बैंक के साथ चालू खाते में हस्तांतरित करने के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा।
- ऐसे सभी मौजूदा चालू खाते जहां खाता रखने वाला बैंक ऋण संघ (कंसोर्टियम) का प्रमुख नही है, या तो चालू खाते संग्रह खाते में बदल दिया जाएगा या बंद कर दिया जाएगा।
- तीन महीने के अंदर खाताधारकों को उचित सूचना देने के बाद उक्त कार्रवाई की जाएगी।
- तदनुसार ऋण देने वाले बैंक को तीन महीने की निर्धारित अवधि के बाद ऐसे खातों में किसी भी आहरण (डेबिट) की अनुमति नहीं होगी।
लेखक-राहुल त्रिपाठी
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