भारती लिपि

april 2019 iit madras bharti script optical character recognition
प्रश्न-अप्रैल, 2019 में किस संस्थान के शोधकर्ताओं ने भारती लिपि में दस्तावेज पढ़ने हेतु बहुभाषी ओसीआर (Optical Charater recogintion) का उपयोग कर एक विधि विकसित की है?
(a) आईआईटी, कानपुर
(b) आईआईटी, मद्रास
(c) आईआईटी, रुड़की
(d) आईआईटी, बॉम्बे
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
  • अप्रैल, 2019 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के शोधकर्ताओं ने भारती लिपि (Bharati Script) के दस्तावेज पढ़ने हेतु बहुभाषी ओसीआर (OCR-Optical Character Recogintion) का उपयोग कर एक प्रणाली विकसित की है।
  • यह शोधकार्य आईआईटी मद्रास में श्रीनिवास चक्रवर्ती के नेतृत्व में एक टीम ने किया है।
  • भारतीय लिपि एक एकीकृत लिपि है जिसमें 9 भारतीय भाषाएं देवनागरी, बंगाली, गुरुमुखी, गुजराती, उड़िया, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और द्रविड़ शामिल हैं।
  • इसमें अग्रेंजी और उर्दू को अभी तक शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उर्दू और अग्रेंजी वर्णमाला प्रणालियों में एक बहुत अलग ध्वन्यात्मक संगठन है।
  • सामान्य तौर पर ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन स्कीम में दस्तावेज को पाठ और गैर-पाठ में अलग करना (या खंड करना) शामिल होता है।
  • पाठ को फिर पैराग्राफ, वाक्यों और अक्षरों में विभाजित किया जाता है।
  • प्रत्येक अक्षर को कुछ पहचाने जाने वाले प्रारूप जैसे ASCII और यूनिकोड (Unicode) में एक चरित्र के रूप में चिह्नित किया जाता है।
  • पत्र में विभिन्न घटक होते हैं जैसे मूल व्यंजन, संशोधक, स्वर आदि।
  • भारती के चरित्रों में ये विभिन्न घटक डिजाइन द्वारा विभाजन योग्य है इसलिए यहां ओसीआर काफी सटीक काम करता है।
  • इसके अलावा इस टीम ने इनोवेशन लैब्स के सुनील कोप्पा रप्पू और टीसीएस मुंबई के सहयोग से 9 भारतीय भाषाओं के लिए एक सार्वभौमिक फिंगर-स्पेलिंग भाषा विकसित किया है।
  • इसका उपयोग श्रवण-बाधित व्यक्तियों के लिए एक संकेत भाषा उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
  • वे एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहें हैं, जो फिंगर-स्पेंलिंग पद्धति का उपयोग करके दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने में मददगार हो सकती है और भविष्य की योजनाओं में भारती लिपि के साथ एक नई ब्रेल प्रणाली विकसित करना शािमल है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.thehindu.com/sci-tech/science/iit-madras-easy-ocr-system-for-nine-indian-languages/article26966671.ece