प्रश्न-26 दिसंबर, 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने लिए आरक्षित कोष के उचित आकार के बारे में सुझाव देने हेतु किसकी अध्यक्षता में एक छः सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया?
(a) राकेश मोहन
(b) भरत दोशी
(c) सुभाष चंद्र गर्ग
(d) बिमल जालान
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 26 दिसंबर, 2018 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने लिए आरक्षित कोष के उचित आकार के बारे में सुझाव देने हेतु एक छः सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
- आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान इस समिति के अध्यक्ष हैं।
- आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव राकेश मोहन को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
- समिति के अन्य सदस्यों में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन तथा आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के सदस्य भरत दोषी और सुधीर मांकड़ शामिल हैं।
- यह समिति इस बारे में सुझाव देगी कि आरबीआई के आरक्षित कोष (Reserve Fund) का आकार क्या होना चाहिए और उसे सरकार को कितना लाभांश (Dividends) देना चाहिए।
- समिति को इस बारे में वैश्विक स्तर पर अपनाए जाने वाले व्यवहार का अध्ययन करने और यह सिफारिश देने को कहा गया है कि क्या आरबीआई के पास आरक्षित कोष और ‘बफर’ पूंजी आवश्यकता से अधिक है।
- यह विशेषज्ञ समिति रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले विभिन्न प्रावधानों, आरक्षित कोष और बफर की जरूरत और उसके उचित होने के बारे में स्थिति की समीक्षा करेगी।
- इसके अलावा समिति वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ वैश्विक व्यवहार की भी समीक्षा करेगी।
- समिति एक उचित लाभ वितरण नीति के बारे में भी प्रस्ताव देगी।
- इसमें रिजर्व बैंक के समक्ष आने वाली सभी स्थितियों पर गौर किया जाएगा।
- आरबीआई ने समिति से यह भी सुझाव देने को कहा है कि रिजर्व बैंक के जोखिम के प्रावधान का उचित स्तर क्या होना चाहिए।
- विशेषज्ञ समिति अपनी पहली बैठक से 90 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
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