आंशिक ऋण गारंटी योजना

Cabinet approves Partial Credit Guarantee Scheme
प्रश्न-दिसंबर, 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएसबी द्वारा वित्तीय दृष्टि से सुदृढ़ एनबीएफसी/एचएफसी से उच्च रेटिंग वाली संयोजित परिसंपत्तियों की खरीद हेतु आंशिक ऋण गारंटी योजना को मंजूरी प्रदान की। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 दिसंबर, 2019 को यह मंजूरी प्रदान की।
(b) इस योजना की पेशकश भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को करेगी।
(c) इस योजना के तहत जो समग्र गारंटी दी जाएगी, वह बैंकों द्वारा खरीदी जा रही परिसंपत्तियों के उचित मूल्यों के 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान अथवा 10,000 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, तक सीमित होगी।
(d) इस योजना के दायरे में वे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)/आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) आएंगी जो 1 अगस्त, 2017 से पहले एक वर्ष की अवधि के दौरान संभवतः एसएमए-0 श्रेणी में आ गई हैं।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 11 दिसंबर, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएसबी द्वारा वित्तीय दृष्टि से सुदृढ़ एनबीएफसी/एचएफसी से उच्च रेटिंग वाली संयोजित परिसंपत्तियों की खरीद हेतु आंशिक ऋण गारंटी योजना (Partial Credit Gurantee Scheme) को मंजूरी प्रदान की।
  • इस योजना की पेशकश भारत सरकार सार्वजनिक के क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को करेगी।
  • इस योजना के तहत जो समग्र गारंटी प्रदान की जाएगी, वह बैंकों द्वारा खरीदी जा रही परिसंपत्तियों के उचित मूल्यों के 10 प्रतिशत तक के पहले नुकसान अथवा 10,000 करोड़ रुपये, इनमें से जो भी कम हो, तक सीमित होगी, जिस पर आर्थिक मामलों के विभाग ने भी सहमति व्यक्त की है।
  • इस योजना के दायरे में वे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियो (एनबीएसी) आवास वित्त कंपनियां (एचएफसी) आएंगी, जो 1 अगस्त, 2018 से पहले की एक वर्ष की अवधि के दौरान संभवतः एसएमए-0 श्रेणी में आ गई हैं।
  • इस योजना के दायरे में वे संयोजित परिसंपत्तियां आएंगी, जिन्हें ‘बीबीबी+’ अथवा उससे अधिक की रेटिंग प्राप्त है।
  • भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई एक बारगी आंशिक ऋण गारंटी सुविधा 30 जून, 2020 तक अथवा बैंकों द्वारा 1,00,000 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियां खरीद लिए जाने की तिथि तक खुली रहेगी, इनमें से जो भी पहले हो।
  • इस योजना की दिशा में हुई प्रगति के दृष्टिगत इसकी वैधता अवधि को 3 माह तक बढ़ाने का अधिकार वित्त मंत्री को सौंपा गया है।
  • सरकार द्वारा प्रस्तावित गारंटी सहायता और इसके परिणाम स्वरूप संयोजित परिसंपत्तियों की खरीद (बायआउट) से एनबीएफसी/एचएफसी की अपनी अस्थायी तरलता अथवा नकदी प्रवाह में असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी।
  • साथ ही वह ऋणों के सृजन में निरंतर योगदान करने और कर्जदारों को अंतिम विकल्प वाले ऋण को मुहैया कराने में समर्थ हो सकेंगे, जिससे आर्थिक विकास की गति तीव्र होगी।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बजट 2019-20 में सरकार ने यह घोषणा की थी कि चालू वित्त वर्ष के दौरान वित्तीय दृष्टि से सुदृढ़ एनबीएफसी की कुल 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की उच्च रेटिंग वाली संयोजित परिसंपत्तियों की खरीद हेतु सरकार 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एकबारगी 6 माह की आंशिक ऋण गारंटी प्रदान करेगी।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192618

https://www.pmindia.gov.in/en/news_updates/cabinet-approves-partial-credit-guarantee-scheme-for-purchase-of-high-rated-pooled-assets-from-financially-sound-nbfcs-hfcs-by-psbs/