असर (ASER) 2016

ASER Report, 2016

प्रश्न-निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(1) ‘असर’ का प्रकाशन मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
(2) इसका प्रकाशन वर्ष 2006 से किया जा रहा है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-कौन से कथन सत्य हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 18 जनवरी 2017 को ‘प्रथम एजुकेशन फांडेशन’ द्वारा शिक्षा की स्थिति पर वार्षिक रिपोर्टः असर (Annual Status of Education Report: ASER) 2016 का प्रकाशन किया गया।
  • यह ‘असर’ का 11वां संस्करण है।
  • ‘असर’ एक वार्षिक सर्वेक्षण है, जो गैर-सरकारी संस्था ‘प्रथम’ द्वारा राज्यों के प्रत्येक जिले के गांवों में बच्चों के नामांकन एवं प्रारंभिक अधिगम के विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध कराता है।
  • इस सर्वेक्षण में प्रत्येक जिले से 30 गांवों को और प्रत्येक गांव से 20 घरों को यादृच्छिक रूप से चुना जाता है।
  • इस प्रकार 3-16 वर्ष की आयु के लगभग 700000 बच्चों पर सर्वेक्षण किया जाता है।
  • इस रिपोर्ट का प्रकाशन वर्ष 2005 से किया जा रहा है, परंतु वर्ष 2015 में इसका प्रकाशन नहीं किया गया।
  • वर्ष 2016 के रिपोर्ट के लिए 589 जिलों के 17473 गांवों में कुल 350232 घरों के लगभग 562305 बच्चों पर सर्वेक्षण किया गया।
  • असर 2016 के प्रमुख निष्कर्ष-
  • वर्ष 2009 से लेकर अभी तक 6-14 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों के नामांकन की संख्या 96% या अधिक रही है।
  • यह अनुपात वर्ष 2014 में 96.7% से बढ़कर 2016 में 96.9% हो गया।
  • कुछ राज्यों में विद्यालय न जाने वाली लड़कियों (आयु वर्ग 11-14 वर्ष) का अनुपात इस वर्ष भी 8% से ज्यादा है।
  • पिछले सर्वेक्षणों में इस सूची में राजस्थान (9.7%) और उत्तर प्रदेश (9.9%) ही था, परंतु वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश (8.5%) भी इन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर निजी विद्यालयों में नामांकित आयु वर्ग 6-14 वर्ष के बच्चों की संख्या में अधिक बदलाव नहीं आया है, वर्ष 2014 में इसकी संख्या 30.8% थी वर्ष 2016 में 30.5% हो गई है।
  • वर्ष 2014 के स्तर के मुकाबले दो राज्यों केरल और गुजरात के सरकारी विद्यालयों के नामांकन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
  • केरल में सरकारी विद्यालय में नामांकित आयु वर्ग 11-14 वर्ष के बच्चों का अनुपात जो वर्ष 2014 में 40.6% था, से बढ़कर वर्ष 2016 में 49.9% हो गया है। जबकि गुजरात में यह अनुपात वर्ष 2014 में 79.2% था, से बढ़कर वर्ष 2016 में 86% हो गया।
  • वर्ष 2016 में जिन विद्यालयों का अवलोकन किया गया उनमें से 68.7% विद्यालयों में शौचालय उपलब्ध था और प्रयोग योग्य भी। वर्ष 2010 में यह आंकड़ा मात्र 47.2% था।
  • 3.5% विद्यालयों में शौचालय की सुविधा नहीं पायी गई।
  • अधिगम परिणाम (Learning Outcome) में हिमाचल प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

संबंधित लिंक
http://img.asercentre.org/docs/Publications/ASER%20Reports/ASER%202016/aser_2016.pdf
http://img.asercentre.org/docs/Publications/ASER%20Reports/ASER%202016/4%20pagers/schoolreportcard_hindi.pdf