अर्थोपाय अग्रिम (Ways and Mean Advances) सीमा

ways and means advances limit
प्रश्न-हाल ही में रिजर्व बैंक ने अर्थोपाय अग्रिम (Ways and Means) की सीमा निर्धारित की है-
(a) 75,000 करोड़ रुपये
(b) 65,000 करोड़ रुपये
(c) 50,000 करोड़ रुपये
(d) 40,000 करोड़ रुपये
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
  • अप्रैल, 2019  में RBI ने वर्ष 2019-20 की पहली छमाही हेतु सरकार के अर्थोपाय अग्रिम (Ways and Means Advances) की सीमा निर्धारित की।
  • अप्रैल, 2019 से सितंबर, 2019 तक की अवधि हेतु WMA की सीमा 75,000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
  • इसका तात्पर्य है कि जब भारत सरकार WMA सीमा का 75% उपयोग करती है तब RBI बाजार ऋणों के नए फ्लोटेशन को चालू कर सकता है।
  • रिजर्व बैंक मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के परामर्श से किसी भी समय WMA की सीमा को संशोधित करने का भी अधिकार रखता है।
  • WMA
  • RBI  केंद्र और राज्य सरकार को एक बैंकर के रूप में अस्थाई ऋण की सुविधा देती है। इस सुविधा को WMA कहते हैं।
  • केंद्र सरकार के लिए इस सुविधा को 1 अप्रैल, 1997 को पहली बार शुरू किया गया।
  • WMA पर लिया जाने वाला ब्याज रेपो दर के बराबर होता है।
  • WMA की अधिक सीमा को ओवर ड्राफ्ट कहा जाता है।
  • रिजर्व बैंक के अनुसार अर्थोपाय अग्रिम/ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर निम्नानुसार होगा-(a) अर्थोपाय अग्रिमः रेपो दर   (b) ओवरड्राफ्ट : रेपो दर से दो प्रतिशत अधिक।

लेखक-पंकज पाण्डेय

संबंधित लिंक भी देखें…

http:// https://rbi.org.in/scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=46705

https://www.business-standard.com/article/news-cm/rbi-sets-wma-limit-for-government-at-rs-75000-crore-for-h1-of-2019-20-119040200842_1.html

https://www.indianeconomy.net/splclassroom/what-is-ways-and-means-advances-by-the-rbi/