प्रश्न-जून, 2019 में किस प्रौद्योगिकी संस्थान में अंतर्देशीय और तटीय समुद्री प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआईसीएमटी) की स्थापना हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ?
(a) आईआईटी, मद्रास
(b) आईआईटी, खड़गपुर
(c) आईआईटी, बॉम्बे
(d) आईआईटी, रुड़की
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- जून, 2019 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर में अंतर्देशीय और तटीय समुद्री प्रौद्योगिकी केंद्र (सीआईसीएमटी) की स्थापना हेतु नौवहन मंत्रालय और आईआईटी, खड़गपुर के बीच समझौता ज्ञापन-हस्ताक्षरित हुआ।
- भारत में अपनी तरह का यह पहला केंद्र है, जहां समुद्री क्षेत्र के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी उपकरण उपलब्ध होंगे, जिससे विदेशी संस्थानों पर भारत की निर्भरता कम होगी।
- ज्ञातव्य है कि-वर्तमान में देश में अंतर्देशीय और तटीय जहाजों के लिए कोई परीक्षण और प्रयोग की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण शिपबिल्डरों को विभिन्न यूरोपीय देशों की मदद लेनी पड़ती है।
- इसीलिए अंतर्देशीय जलमार्ग एवं देश में तटीय नौवहन के विकास हेतु इस केंद्र की स्थापना की गई है।
- वर्तमान में विश्व के केवल चार अन्य देशों जर्मनी, नीदरलैंड्स, रूस और बेल्जियम में जहाजों के लिए मॉडल परीक्षण सुविधा उपलब्ध है।
- यह परियोजना सागरमाला कार्यक्रम के तहत वित्तपोषित है।
- इस परियोजना की लागत राशि 69.20 करोड़ रुपये है।
- आईआईटी, खड़गपुर में स्थापित किया जा रहा यह केंद्र अंतर्देशीय जल परिवहन, जहाज निर्माण, बंदरगाहों में शामिल एजेंसियों को तकनीकी सहायता, अनुसंधान, परीक्षण और प्रयोग की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह केंद्र तटीय या अंतर्देशीय जलमार्ग हेतु जहाज के डिजाइन, जहाज निर्माण प्रौद्योगिकी और संरचनात्मक डिजाइन, परिवहन प्रणाली और रसद, क्रायोजेनिक कार्गो हैंडलिंग, तटीय और अंतर्देशीय जल से हरित/नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग और समुद्री संचालन के लिए स्वचालन एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- 31 जुलाई, 2015 को शुरू किए गए सागरमाला कार्यक्रम के तहत बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.marinelink.com/news/india-intros-maritime-technology-center-467831
https://www.marineinsight.com/shipping-news/india-maritime-sector-needs-indigenous-technology-along-with-applied-research/