प्रश्न-2 अक्टूबर, 2019 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 5 योजनाओं का शुभारंभ किया। विकल्प में कौन-सी योजना इसमें शामिल नहीं है?
(a) मुख्यमंत्री सुपोषण योजना
(b) मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
(c) सार्वभौम पीडीएस
(d) जिज्ञासा योजना
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) मुख्यमंत्री सुपोषण योजना
(b) मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
(c) सार्वभौम पीडीएस
(d) जिज्ञासा योजना
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 2 अक्टूबर, 2019 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना सहित 5 योजनाओं का शुभारंभ किया।
- शुरू की गई अन्य योजनाओं में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, सार्वभौम पीडीएस और मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना शामिल है।
- मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पंचायतों एवं महिला सहायता समूहों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को प्रतिदिन गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
- इस अभियान के तहत अगले तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने की रणनीति तैयार की गई है।
- इस रणनीति के तहत 0-5 वर्ष की आयु के कुपोषित बच्चों एवं 15-49 वर्ष की आयु वर्ग की कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को पंचायतों एवं महिला समूहों के माध्यम से पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे।
- यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित है।
- उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वे के अनुसार मौजूदा समय में राज्य में 5 वर्ष से कम आयु के 35.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और 15-49 वर्ष आयु की 41.5 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
- सार्वभौम पीडीएस योजना राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु शुरू किया गया है।
- इसके तहत राज्य सरकार राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि करेगी और बीपीएल के साथ-साथ एपीएल परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदान करेगी।
- पहले चरण में 13 नगर निगमों में नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय खोले गए हैं।
- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 अक्टूबर, 2019 को मुंगेली जिले के 150 गांवों को टी.बी. मुक्त गांव घोषित किया गया।
- इस जिले के शेष 489 गांवों को जिला स्तर पर संचालित अक्षय मुंगेली कार्यक्रम के तहत वर्ष 2023 तक शत-प्रतिशत टी.बी. से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
संबंधित लिंक भी देखें…