11वीं डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन-2017

Eleventh WTO Ministerial Conference

प्रश्न-10-13 दिसंबर, 2017 के मध्य ‘11 वीं डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन’ कहां आयोजित की गई?
(a)  मस्कट
(b) दोहा
(c)  ब्यूनस आयर्स
(d) जकार्ता
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 10-13 दिसंबर, 2017 के मध्य ‘11वीं डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन’ (11th WTO Ministerial Conference) ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में आयोजित की गई।
  • इस सम्मेलन की अध्यक्षता अर्जेंटीना की मंत्री सुसाना मालकोरा (Susana Malcorra) ने की।
  • इस सम्मेलन में 164 सदस्य देशों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।
  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया।
  • उल्लेखनीय है कि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इस संगठन की शीर्ष निर्णय इकाई है।
  • चार दिवसीय यह बैठक बिना किसी मंत्रिस्तरीय घोषणा या बिना किसी ठोस परिणाम के ही समाप्त हो गई।
  • इसकी अहम वजह अमेरिका का सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटना है।
  • सम्मेलन में बातचीत असफल होने से भारत जैसे अन्य विकासशील देशों को निराशा हुई है।
  • भारत द्वारा प्रमुख तौर पर उठाई गई खाद्य सुरक्षा की मांग को लेकर एक साझा स्तर पर पहुंचने से अमेरिका ने मना कर दिया जिससे यह बातचीत असफल रही।
  • केवल मत्स्य और ई-वाणिज्य के क्षेत्र में ही थोड़ी प्रगति हुई है क्योंकि इसके लिए कामकाजी कार्यक्रमों पर सहमति बनी है।
  • गौरतलब है कि भारत लगातार खाद्य भंडार के मसले के स्थायी समाधान की वकालत करता आ रहा है और इस वार्ता में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा रही थी।
  • सुरेश प्रभु के नेतृत्व में भारतीय शिष्टमंडल और विश्व के G-33 देशों का समूह भी इसके स्थायी समाधान पर बल दे रहा था।
  • क्योंकि यह विश्व के गरीब और विकासशील देशों के करोड़ों लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए जरूरी है।
  • वैश्विक व्यापार नियमों के तहत संगठन के सदस्य देशों की खाद्य सब्सिडी 1986 से 1988 के मूल्य पर आधारित उत्पादन मूल्य की 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • भारत खाद्य सब्सिडी सीमा का के आकलन के फॉर्मूले में संशोधन की मांग करता रहा है।
  • उसका कहना है कि खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम पूरी तरह से लागू किए जाने से विश्व व्यापार संगठन की निर्धारित सीमा का उल्लंघन होगा।
  • भारत समेत तमाम विकासशील देशों का मानना है कि विश्व व्यापार संगठन की प्राथमिकता को सिर्फ कृषि उत्पादों तक न सीमित रखा जाए बल्कि इसमें मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को भी शामिल किया जाए।
  • गौरतलब है कि पिछले दो दशकों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मायने बदले हैं जिसमें मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के क्षेत्र में विकासशील देश विकसित देशों को जबरदस्त चुनौती देते नजर आ रहे हैं।
  • इसके बाद विकसित देशों ने अपने उद्योगों को संरक्षण देने की कोशिश की है जिसका विकासशील देश विरोध करते रहे हैं।
  • बैठक के बेनतीजा होने से इस संगठन की प्रासंगिकता और विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

संबंधित लिंक
https://www.wto.org/english/thewto_e/minist_e/mc11_e/mc11_e.htm
http://bit.ly/2yIzkch
http://ddinews.gov.in/business/suresh-prabhu-argentina-attend-11th-ministerial-conference-wto