स्वच्छ भारत अभियान पर नीति आयोग के मुख्यमंत्रियों वाले उपसमूह ने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपी

Clean India campaign chief of the Policy Commission report Chief Ministers’ Sub-Group submitted to the prime minister

प्रश्न-हाल ही में किसकी अध्यक्षता में स्वच्छ भारत अभियान पर नीति आयोग के मुख्यमंत्रियों वाले उप-समूह ने प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंपी?
(a) मनोहर लाल खट्टर
(b) चंद्रबाबू नायडू
(c) हरीश रावत
(d) प्रकाश सिंह बादल
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 14 अक्टूबर, 2015 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत अभियान पर नीति आयोग के मुख्यमंत्रियों वाले उप-समूह ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी।
  • उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन 24 मार्च, 2015 को किया गया था।
  • इसके गठन का फैसला 8 फरवरी, 2015 को होने वाली नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक में किया गया था।
  • इस उप-समूह में आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मिजोरम, सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सदस्य हैं तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री इसके संयोजक हैं।
    इस रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं:-
  • स्वच्छता का संदेश संप्रेषित करने में निःस्वार्थ के आधार पर राजनीतिक एवं सामाजिक/विचारक, नेताओं और मशहूर हस्तियों को शामिल किया जाए।
  • स्वच्छता के तौर-तरीकों पर एक अध्याय को पहली कक्षा से ही स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में, ‘स्वच्छता सेनानी’ नामक विद्यार्थियों की एक टीम स्वच्छता और साफ-सफाई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए गठित की जा सकती है।
  • राज्यों में स्थित आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों/कॉलेजों में कौशल विकास पाठ्यक्रम/डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। इन्हें कौशल विकास के मौजूदा कार्यक्रम से भी एकीकृत किया जा सकता है।
  • साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन के विशेष क्षेत्रों में शोध को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा वाले संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्र खोले जा सके हैं, ताकि डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरेट स्तर के बेहतर शोधकर्ता उभर कर सामने आ सकें।
  • इस कार्यक्रम के लिए कोष को केंद्र एवं राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात में बांटा जा सकता है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए इसे 90:10 के अनुपात में रखा जा सकता है।
  • केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल एवं दूरसंचार सेवाओं और खनिज अपशिष्ट उत्पादन संयंत्रों द्वारा उत्पादित संग्रहित कचरे जैसे कोयला, एल्यूमीनियम और लौह अयस्क पर स्वच्छ भारत उपकर लगाया जा सकता है।
  • केंद्र स्तर पर बनाए गए स्वच्छ भारत कोष की तर्ज पर एक राज्य स्तरीय स्वच्छ भारत कोष भी बनाया जा सकता है।
  • पीएसयू/कंपनियों के सीएसआर योगदान के एक खास हिस्से को उन राज्यों में व्यय किया जा सकता है, जहां वे अवस्थित हैं।
  • स्थानीय निकायों को 14वें वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान पर व्यय का पहला हिस्सा स्वच्छ भारत मिशन के दायरे में आने वाली गतिविधियों के लिए दिया जा सकता है।
  • किफायती कचरा प्रबंधन तकनीकों के विकास के लिए केंद्र एवं राज्य दोनों ही स्तरों पर प्रतिष्ठित शोध संस्थानों को तकनीकी साझेदार बनाया जा सकता है।
  • झुग्गी बस्ती क्षेत्रों में निर्मित शौचालय जिन्हें सीवर लाइन से जोड़ा नहीं जा सकता है, वहां जैव शौचालय उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
  • जो भी व्यक्ति स्थानीय निकायों के लिए चुनाव लड़ता है, उसके घर में निजी शौचालय होना आवश्यक है।
  • नगरपालिका कानूनों आदि सहित जैव चिकित्सकीय और ई-अपशिष्ट जैसे अपशिष्ट प्रबंधन पर सभी कानूनों और नियमों को कड़ाई से लागू करने और दंड प्रावधानों की समीक्षा।
  • सिर पर मैला ढोने के रूप में कार्य करने से रोकने और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 को कड़ाई से लागू कर सिर पर मैला ढोने के कार्य को समाप्त करना।
  • प्रति वर्ष सभी ग्राम पंचायतों, नगर निगमों, ब्लॉकों, जिलों और राज्यों में स्वच्छ भारत ग्रेडिंग/रेटिंग की जानी चाहिए, ताकि उनके बीच स्वच्छता के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़े।
  • पूरे स्वच्छता अभियान के तहत तैयार किये गये बेकार शौचालयों को बिना शौचालय के रूप में लें और इसके स्थान पर वित्तीय सहायता से नये शौचालय बनाए जाने चाहिए।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आईएचएचएल की एक इकाई के निर्माण के लिए पारितोषित राशि समान होनी चाहिए और शहरी तथा ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इसे बढ़ाकर 15,000 रुपये करनी चाहिए।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=41405
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=41406