सीसीटीएनएस परियोजना के कार्यान्वयन के विस्तार को मंजूरी

Cabinet approves extension of implementation of Crime and Criminal Tracking Network and Systems Project by one year

प्रश्न-हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने अपराध एवं आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं प्रणाली के कार्यान्वयन के विस्तार को 1 वर्ष तक की मंजूरी दी। केंद्र सरकार द्वारा इस परियोजना को कब मंजूरी प्रदान की गई थी?
(a) वर्ष 2006
(b) वर्ष 2012
(c) वर्ष 2009
(d) वर्ष 2014
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 5 अप्रैल, 2017 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने अपराध एवं आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क एवं प्रणाली (सीसीटीएनएस) परियोजना के कार्यान्वयन को 31 मार्च, 2017 के बाद एक और वर्ष तक विस्तार देने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
  • यह विस्तार परियोजना के शेष बचे उद्देश्यों को व्यापक रूप से प्राप्त करने में मदद करेगा।
  • वर्ष 2009 में मूलतः मंजूर की गई इस परियोजना का लक्ष्य इस प्रकार है-
    (i) नागरिकों को पुलिस से संबंधित विभिन्न वेब आधारित सेवाएं मुहैया कराना।
    (ii) एक राष्ट्रीय डाटाबेस के माध्यम से किसी व्यक्ति के अपराध और आपराधिक रिकॉर्ड की अखिल भारतीय खोज की सुविधा प्रदान करना।
    (iii) नीतिगत हस्तक्षेप को सूचित करने के लिए राज्य और केंद्रीय स्तर पर अपराध और आपराधिक रिपोर्ट तैयार करना और
    (iv) कंप्यूटरीकृत पुलिस प्रक्रियाएं।
  • वर्ष 2015 में इंटर-ऑपरेटिव आपराधिक न्याय प्रणाली (ICJS) के लिए एक मूल मंच स्थापित करने का एक अतिरिक्त उद्देश्य इस परियोजना में जोड़ा गया।
  • इस प्रणाली (ICJS) का उद्देश्य सीसीटीएनएस परियोजना को पहली बार ई-कोर्ट एवं ई-जेल डाटाबेस और आपराधिक न्याय प्रणाली के अन्य स्तंभों जैसे-फोरेंसिक, अभियोजन, बाल सुधार गृह तथा अपराधियों के देशव्यापी फिंगर प्रिंट डाटाबेस के साथ जोड़ना है।
  • सीसीटीएनएस परियोजना का कुछ प्रमुख प्रभाव इस प्रकार होगा-
    (i) सभी राज्यों एवं केंद्र में सिटीजन पोर्टल, स्व सेवा मोड में पुलिस की मदद उपलब्ध कराने, शिकायतों का ऑनलाइन पंजीकरण एवं लापता लोगों तथा चोरी हुई चीजों की खोज एवं रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और तेजी लाएगा।
    (ii) संपूर्ण राष्ट्रीय अपराध एवं आपराधिक डाटाबेस पर देश व्यापी खोज की जा सकेगी।
    (iii) देश के सभी पुलिस स्टेशनों के लिए विश्वसनीय नेटवर्क कनेक्टिविटी आदि।
  • पिछले एक वर्ष के दौरान सीसीटीएनएस परियोजना द्वारा निम्नलिखित परिणाम प्राप्त किए गए-
    (i) देश में 83 प्रतिशत से अधिक पुलिस स्टेशन सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 100 प्रतिशत प्राथमिकी (F.I.R.) दर्ज कर रहे हैं।
    (ii) अब तक सीसीटीएनएस प्रणाली में 120 लाख एफआईआर दर्ज की गई हैं।
    (iii) वर्ष 2004 के बाद से लिगेसी क्राइम रिकार्ड भी सीसीटीएनएस डाटाबेस में माइग्रेट कर दिए गए हैं।
    (iv) राष्ट्रीय अपराध डाटाबेस में अब तक लगभग 7 करोड़ अभिलेख उपलब्ध हैं।
    (v) 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने पोर्टल लांच कर दिए हैं। ये शिकायतों के पंजीकरण, पूर्व में अपराध करने वालों अथवा व्यक्तियों/संपत्तियों की मुकदमेबाजी का सत्यापन, किसी कार्यक्रम के लिए पुलिस से लॉ एंड आर्डर की अनापत्ति प्राप्त करना, लापता व्यक्ति की खोज, लावारिस शवों का मिलान, वाहन संबंधी पूछताछ, पासपोर्ट जारी करने के लिए सत्यापन आदि सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=60351
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=160547