समुद्री ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा घोषित

प्रश्न-22 अगस्त, 2019 को केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने समुद्री ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। भारत में समुद्री ऊर्जा की कुल क्षमता लगभग कितनी आकलित की गई है?
(a) 9,525 मेगावॉट
(b) 10,430 मेगावॉट
(c) 11,295 मेगावॉट
(d) 12,455 मेगावॉट
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 22 अगस्त, 2019 को केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास तथा उद्यमशीलता राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने समुद्री ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।
  • समुद्री ऊर्जा के विभिन्न प्रकारों में ज्वार-भाटा, लहर और समुद्री ऊष्मीय ऊर्जा रूपांतरण आदि द्वारा उत्पादित ऊर्जा शामिल है।
  • यह गैर-सौर नवीकरणीय खरीद करार के योग्य होगी।
  • पृथ्वी की सतह का लगभग 70 प्रतिशत भाग समुद्र से आच्छादित है।
  • समुद्र में बड़ी मात्रा में ज्वार-भाटा, लहर, समुद्री विद्युत प्रवाह और ऊष्मीय झुकाव के रूप में विशाल ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • भारत में समुद्री ऊर्जा की कुल क्षमता लगभग 12,455 मेगावॉट आकलित की गई है।
  • देश में समुद्री ऊर्जा के संभावित स्थानों के रूप में खम्भात, कच्छ क्षेत्र और बड़ी संख्या में बांध क्षेत्र की पहचान की गई है।
  • बैराज प्रौद्योगिकी का प्रयोग बांध क्षेत्र में किया जा सकता है।
  • मौजूदा समय में समुद्री ऊर्जा का प्रयोग सिर्फ कुछ प्रौद्योगिकियों यथा ज्वार-भाटा, लहर और समुद्री ऊष्मीय ऊर्जा द्वारा किया जा रहा है।
  • ज्वार-भाटा ऊर्जा चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के प्रतिदिन 2 बार (प्रति 12 घंटे में) उत्पन्न होती है।
  • ज्वार-भाटा विद्युत संयंत्र की निर्माण लागत राशि एवं ऊर्जा खरीद मूल्य काफी अधिक है।
  • लहर ऊर्जा समुद्र की सतह पर तैर रहे या समुद्र के तल पर उपकरण की गति द्वारा उत्पन्न होती है, जिसको विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने हतु विभिन्न प्रौद्योगिकियों का अध्ययन किया जा रहा है।
  • जलधारा ऊर्जा समुद्र के पानी के परस्पर विपरीत दिशा में (एक दिशा से दूसरी दिशा में) बहने से उत्पन्न होती है।
  • विंड टरबाइन के सदृश समुद्री ऊर्जा रोटर ब्लेड को गति प्रदान करती है, जिसके फलस्वरूप विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • समुद्री ऊष्मीय ऊर्जा रूपांतरण में सतह से 1000 मीटर से कम की गहराई तक के समुद्र में तापमान के अंतर का प्रयोग किया जाता है, जो केवल 20 डिग्री सेल्शियस का अंतर प्रयोग करने योग्य ही ऊर्जा का उत्पादन कर सकता है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/newsite/hindirelease.aspx