वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक

The Constitution (122nd Amendment) (GST) Bill, 2014

प्रश्न-अभी हाल ही में संसद द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (GST) विधेयक पारित किया गया। यह विधेयक किस संविधान संशोधन विधेयक के तहत पारित किया गया है?
(a) 122वां
(b) 120वां
(c) 118वां
(d) 117वां
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 3 अगस्त 2016 को राज्यसभा द्वारा 122 वां संविधान संशोधन विधेयक, 2014 में कुछ संशोधन करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित कर दिया गया।
  • ध्यातव्य है कि लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर विधेयक को मई, 2015 में पारित कर दिया था। जिसे राज्यसभा ने 21 सदस्यीय प्रवर समिति को भेज दिया।
  • प्रवर समिति ने 22 जुलाई 2015 को अपनी रिपोर्ट राज्यसभा को सौंपी।
  • समिति की रिपोर्ट के अनुसार विधेयक में जो संशोधन हुए उसे राज्यसभा में बिल पास होने के पश्चात 8 अगस्त, 2016 को लोक सभा द्वारा पारित कर दिया गया।
  • जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, इसके तहत विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर एक समान कर होगा।
  • इस विधेयक के तहत वस्तु एवं सेवा कर विषय पर कानून बनाने के लिए संसद और राज्य विधायिकाओं को एक समान शक्ति प्रदान की गई है।
  • केंद्रीय स्तर पर शामिल कर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क जिसे सामान्य रूप से काउंटर वेलिंग ड्यूटी कहा जाता है तथा विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क जैसे विभिन्न केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जायेंगे।
  • राज्य स्तर पर राज्य मूल्य संवर्धन कर बिक्री कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लागू करों को छोड़कर), केंद्रीय बिक्री कर (केंद्र द्वारा लगाया जाता है तथा राज्य द्वारा वसूला जाता है) चुंगी और प्रवेश कर, खरीद कर, विलासिता कर और लाटरी, सट्टा तथा जुआ पर कर, जीएसटी में शामिल होंगे।
  • संविधान के विशेष महत्व की घोषित वस्तुओं की अवधारणा समाप्त होगी।
  • वस्तुओं और सेवाओं के अंतर-राज्य कारोबार पर एकीकृत वस्तु और सेवा कर लगाने का प्रावधान किया गया है।
  • इसके तहत मानवीय खपत के लिए शराब को छोड़कर सभी सेवाओं और वस्तुओं पर जीएसटी लगाया जायेगा।
  • पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पादों पर बाद की तिथि से जीएसटी लगाया जायेगा तथा यह तिथि वस्तु एवं सेवा कर परिषद की सिफारिशों पर अधिसूचित की जायेगी।
  • इसके तहत पांच वर्षों तक राज्यों को वस्तु एवं सेवाकर लागू करने में हुए राजस्व नुकसान के लिए मुआवजा दिया जायेगा।
  • इस बिल के तहत पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं कर दाताओं को ऑनलाइन उपलब्ध होगी, जिससे इसका अनुपालन सरल व पारदर्शी हो जायेगा।
  • जीएसटी में केंद्र और राज्यों के करों के शामिल होने, इसमें सम्मिलित वस्तुएं और सेवायें पूर्ण और व्यापक रूप से समाहित होने और केंद्रीय बिक्री कर से चरणबद्ध रूप से बाहर किये जाने से स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
  • इस बिल से सरकार के कर राजस्व की वसूली लागत में कमी आयेगी।
  • वर्ष, 2003 में प्रत्यक्ष कर पर गठित केलकर कार्यबल (Task Force) ने वैट सिद्धांत पर आधारित एक व्यापक वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव किया था।
  • सर्वप्रथम वित्त वर्ष 2006-07 के बजट भाषण में 1 अप्रैल 2010 से राष्ट्रीय स्तर पर जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव किया गया था।
  • जीसटी बिल में 4 अहम परिवर्तन किए गए हैं जो निम्न हैं-
    (i) इसके तहत राज्यों के बीच कारोबार पर 1 फीसदी अतरिक्त टैक्स नहीं लगेगा, मूल विधेयक में राज्यों के बीच व्यापार पर 3 साल तक 1 फीसदी अतरिक्त टैक्स लगाया गया था।
    (ii) जीएसटी से राज्यों को नुकसान होने पर अब 5 वर्ष तक शत प्रतिशत मुआवजा मिलेगा।
    मूल विधेयक में 3 वर्ष तक 100% चौथे वर्ष 75% और पांचवें वर्ष 50% मुआवजे का प्रस्ताव था।
    (iii) विवाद सुलझाने हेतु नई व्यवस्था की गई है, जिससे राज्यों का पक्ष मजबूत होगा।
    (iv) विधेयक में जीएसटी के मूल सिद्धांत को परिभाषित करने वाला एक नया प्रावधान जोड़ा जायेगा, जिसमें राज्यों और आम लोगों को नुकसान नहीं होने का भरोसा दिलाया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि 122वें संविधान संशोधन विधेयक पर दोनों सदनों की स्वीकृति मिलने के बाद कम से कम 15 राज्यों की विधान सभाओं की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।
  • जीएसटी के दो घटक होंगे-केंद्रीय जीएसटी और राज्य जीएसटी। केंद्र और राज्य एक साथ मूल्य शृंखला पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लगाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं पर अभी 15 से लेकर 35 प्रतिशत तक कर लगता है। इस अधिनियम के तहत इन सभी करों को एक साथ लाकर 17 या 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
  • इस प्रकार के कर से भारत के सभी राज्यों में सभी प्रकार की वस्तुएं एक समान मूल्य पर प्राप्त होगी जिनमें समान कर आरोपित होगा।
  • वस्तु एवं सेवा कर विधेयक एक संविधान संशोधन विधेयक है अतः इसको 15 राज्यों की विधान सभा से मंजूरी मिलना आवश्यक है।
  • मंजूरी के पश्चात राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर होने के उपरान्त यह विधेयक संविधान का हिस्सा बन जाएगा।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.thehindu.com/specials/in-depth/rajya-sabha-passes-gst-bill/article8939583.ece
http://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/rajya-sabha-passes-historic-gst-constitution-bill/articleshow/53528735.cms
http://abpnews.abplive.in/business/gst-bill-passed-in-rajyasabha-with-203-votes-428258/
http://www.prsindia.org/billtrack/the-constitution-122nd-amendment-gst-bill-2014-3505/