प्रश्न-बंदरगाह क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं में कितने प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति है?
(a) 100%
(b) 75%
(c) 49%
(d) 26%
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 20 दिसंबर, 2017 को जहाजरानी मंत्रालय द्वारा ‘वर्षांत समीक्षा, 2017’ जारी की गई।
- इससे संबंधित प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं-
- भारत के सभी बंदरगाहों द्वारा भारत के बाह्य व्यापार का, मात्रा की दृष्टि से 90% एवं मूल्य की दृष्टि से 70% का, वहन किया जाता है।
- 25 मार्च, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बंदरगाह आधारित विकास को ध्यान में रखकर ‘सागरमाला कार्यक्रम’ को अनुमोदित किया गया था।
- इस कार्यक्रम के तहत लगभग 91,434 करोड़ रुपए के निवेश से 142 बंदरगाह परियोजनाओं का कार्यान्वयन आगामी 10-15 वर्ष की अवधि में किया जाएगा।
- बंदरगाह क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजनाओं में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति है।
- 16 दिसंबर, 2016 को संस्थानात्मक संरचना के आधुनिकीकरण और अधिक स्वायत्तता उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुए मौजूदा ‘प्रमुख बंदरगाह ट्रस्ट अधिनियम, 1963’ को पुनर्स्थापित करने के लिए एक नया ‘प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक, 2016’ लोकसभा में पेश किया गया।
- 24 सितंबर, 2017 को एक अधिसूचना के द्वारा कांडला बंदरगाह का नाम ‘दीनदयाल बंदरगाह’ कर दिया गया।
- प्रमुख बंदरगाहों द्वारा आगामी पांच वर्षों में 150 मेगावॉट (सौर एवं पवन ऊर्जा) से अधिक ऊर्जा उत्पादन हेतु अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
- भारत द्वारा ईरान के चाबहार बदंरगाह का विकास किया जा रहा है।
- 3 दिसंबर, 2017 को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ‘शाहिद बेहेश्ति (Shahid Beheshti)। बंदरगाह, चाबहार’ के पहले चरण का उद्घाटन किया।
- वाराणसी एवं हल्दिया के मध्य से 5,369 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 1380 किमी. लम्बे ‘जल’ मार्ग विकास (राष्ट्रीय जलमार्ग-1 गंगा नदी) परियोजना की परिकल्पना की गई है।
- वाराणसी, साहिबगंज एवं हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल की स्थापना की जा रही है।
- 3 अक्टूबर, 2017 को भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा राष्ट्रीय जलमार्ग-4 मुक्ति माला से विजयवाड़ा तक के पहले चरण का शिलान्यास किया गया।
- मांडोवी, जुआरी, कैंबरजुआ, बराक, गंडक, रूपनारायण अलप्पुझा-कोट्टायम-अथरमपुझा नहर और सुंदरवन राष्ट्रीय जलमार्ग वर्ष 2017-18 के दौरान विकास के लिए स्वीकृत किए गए।
- वाराणसी में फ्रेट विलेज एवं लॉजिस्टिक हब की स्थापना का प्रस्ताव है।
- 22 सितंबर, 2017 को राष्ट्रीय जलमार्ग-16 (बराक नदी) पर कार्गों का अंतरराष्ट्रीय संचालन प्रारंभ हुआ।
- 8 अप्रैल, 2017 को भारत एवं बांग्लादेश के मध्य तटीय मार्गों पर यात्री एवं क्रूज सेवा के लिए समझौता किया गया।
- 9 अगस्त, 2017 को ‘द एडमायरल्टी (ज्यूरिस्डिक्शन एंड सेटलमेंट ऑफ मैरीटाइम्स कलेम्स) एक्ट, 2017’ प्रभावी हुआ।
- 18 जुलाई, 2017 को संसद की स्थायी समिति ने ‘मर्चेंट शिपिंग बिल, 2016’ पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं।
- भारत सरकार द्वारा स्वदेशी पोत निर्माण को बढ़ावा देने हेतु 10 वर्षों (2016-2026) के लिए 4000 करोड़ रुपए की ‘पोत’ निर्माण वित्तीय सहायता नीति जारी की गई है।
- 17 नवंबर, 2017 को जहाजरानी मंत्री द्वारा कोचिन पोर्ट ट्रस्ट, कोच्चि, पर ‘अंतरराष्ट्रीय पोत मरम्मत सुविधा’ का शिलान्यास किया गया।
- 1 दिसंबर, 2017 को भारत अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद श्रेणी बी के तहत सदस्य पुनः निर्वाचित हुआ।
- 25 जनवरी, 2017 को भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के मध्य समुद्री परिवहन पर समझौता किया गया।
- 28 अप्रैल, 2017 को भारत एवं साइप्रस के मध्य मर्चेंट शिपिंग पर समझौता किया गया।
- 11 अक्टूबर, 2017 को भारत एवं नीदरलैंड्स के मध्य बंदरगाह, समुद्री परिवहन एवं लॉजिस्टिक के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को आगामी तीन वर्षों के लिए बढ़ाया गया।
- 14 जुलाई, 2017 को न्यू मर्चेंट शिपिंग (काटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट) नियम 2017 को अधिसूचित किया गया।
- सरकार द्वारा मॉर्मुगावो बंदरगाह एवं चेन्नई बंदरगाह पर नए क्रूज टर्मिनलों का निर्माण किया गया है।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1513281