वर्षांत समीक्षा-2014 जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार

प्रश्न-हाल ही में जल संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी वर्षांत समीक्षा के अनुसार, बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (DRIP) द्वारा निम्नलिखित में से किस/किन राज्य/राज्यों में बड़े बांधों के पुनर्वास की परियोजना चालू की गयी है-
(1) म.प्र.
(2) ओडिशा
(3) केरल
(4) तमिलनाडु
कूट
(a) केवल (1) में
(b) केवल (1) व (2) में
(c) केवल (1), (2) व (3) में
(d) उपर्युक्त सभी राज्यों में
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 29 दिसंबर, 2014 को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने अपनी वर्षांत समीक्षा-2014 जारी की।
    गंगा नदी का संरक्षण
  • गंगा संरक्षण कार्य के संदर्भ में मंत्रालय ने 1 अगस्त, 2014 को अधिसूचना जारी की।
  • इस अधिसूचना में गंगा और उसकी सहायक नदियों को एक पहल के अंतर्गत रखा गया है।
  • गंगा संरक्षण की प्राथमिकता में इसकी ‘अविरल धारा’और‘निर्मल धारा’को सुनिश्चित रखते हुए पारिस्थितिकी अखंडता को कायम रखना है।
  • वर्ष 2014-15 के केंद्रीय बजट में गंगा संरक्षण मिशन के तहत ‘नमामि गंगे’ की स्थापना की गई। साथ ही गंगा संरक्षण के लिए 2037 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
  • वर्तमान गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBP) परियोजना के लिए विश्व बैंक ने 7,000 करोड़ की राशि मुहैया कराई है। वाराणसी में इस परियोजना के लिए जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन (JICA) ने 496.90 करोड़ का बजट मुहैया करा रखा है।
  • नेशनल गंगा मॉनीटरिंग सेंटर (NGMC) गंगा संरक्षण के महत्त्वपूर्ण पहलुओं की निगरानी के लिए एक नोडल केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

नदियों को जोड़ने की योजना (ILR)

  • नदियों को जोड़ने की परियोजना राष्ट्रीय महत्त्व की एक योजना है।
  • इसका उद्देश्य देश के हर हिस्से में पानी का समान बंटवारा है।
  • इस परियोजना से निम्नलिखित फायदे होंगे-
  • 3.5 करोड़ हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इससे सिंचित भूमि का क्षेत्रफल 14 करोड़ हेक्टेयर से बढ़कर 17.5 करोड़ हेक्टेयर हो जाएगा।
  • साथ ही इससे 34,000 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी।
  • इसके अलावा बाढ़ नियंत्रण, नौपरिवहन, मत्स्य पालन, पानी के खारेपन तथा जल प्रदूषण पर रोक लगेगी। इससे बाढ़ और सूखा प्रभावित क्षेत्रों को भी लाभ होगा।
  • इस परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) ने 30 लिंकों की पहचान की है। इनमें से 16 लिंक प्रायद्वीपीय घटक और 14 लिंक हिमालयी घटक के अधीन हैं।
  • वर्ष 2014 में नदी जोड़ने की पहली परियोजना केन-बेतवा नदियों को जोड़ने से शुरू किया गया है।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत केन नदी पर 221 किमी. लिंक कैनाल के साथ एक बांध बनाया जाना है। इससे निम्नलिखित लाभ होंगे-
  • 6.35 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
  • 13.42 करोड़ लोगों को पेयजल मुहैया कराया जा सकेगा।
    म.प्र. और उ.प्र. में 78 मेगावाट की पनबिजली भी पैदा हो सकेगी।

प्रौद्योगिकी उन्नयन

  • विश्व बैंक की मदद से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र को विकसित करने के लिए‘हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट-III’ नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 3000 करोड़ रुपये है। इसका उपयोग देश के दूसरे हिस्सों में भी किया जा सकेगा।
  • देश में 8.89 लाख वर्ग किमी. के जलवाही (Acquifers) क्षेत्र की 1:50,000 के पैमाने पर और 3-डी में मैपिंग के लिए एक महत्त्वाकांक्षी योजना-नेशनल एक्वीफायर मैपिंग एंड मैनेजमेंट प्रोग्राम (NAQUIM) को शुरू किया गया है।
  • इस मंत्रालय ने एक्वीफायर मैपिंग के लिए 12वीं योजना में 2051 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया है।
  • तेज एक्वीफायर मैपिंग के लिए‘उन्नत हेलीबर्न ट्रांजिएंट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सर्वे’का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • ड्रिप (DRIP) के अंतर्गत चार राज्यों म.प्र., ओडिशा, केरल और तमिलनाडु में 223 बड़े बांधों के पुनर्वास का लक्ष्य है। यह परियोजना 18 अप्रैल, 2014 से लागू है।
  • बाद में कुछ बांधों को इस परियोजना से हटा दिया गया है। इसके चलते अब कुल बांधों की संख्या घटकर 190 ही रह गयी है। इनमें से केरल के 28, म.प्र. के 29, ओडिशा के 26 और तमिलनाडु के 107 बांध इस परियोजना में शामिल हैं।

यमुना नदी की सफाई

  • यमुना नदी की सफाई के लिए भारत सरकार ने जापान इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी (JICA) से समझौता किया है। जिका (JICA) की आर्थिक मदद से दिल्ली, हरियाणा और उ.प्र. में यमुना एक्शन प्लांट YAP-I तथा YAP-II को अनुमोदित किया गया है। इसमें दिल्ली के लिए YAP-III भी शामिल है। इस पर 1514.42 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
    गंगा, यमुना और रामगंगा नदियों पर गठित टीमों ने काम करना शुरू किया
  • मंत्रालय के द्वारा 118 स्थानों पर गंगा, यमुना और रामगंगा नदियों के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए 120 विशेष टीमों का गठन किया गया है।
  • अध्ययन हेतु निर्धारित इन स्थानों को चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में चिन्हित किया गया है।
    जल मंथन
  • जल संसाधनों के सर्वोत्कृष्ट उपयोग के मुद्दे पर‘जल मंथन’नामक एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 20 से 22 नवंबर, 2014 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया ।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=110054
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=32912