वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स, 2016

CAF World Giving Index 2016

प्रश्न-25 अक्टूबर, 2016 को ब्रिटेन स्थित चैरिटीज एड फाउंडेशन (CAF) द्वारा जारी ‘वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स’ (WGI) -2016 में भारत का कौन-सा स्थान है?
(a) 90 वां
(b) 75 वां
(c) 65 वां
(d) 91 वां
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 25 अक्टूबर, 2016 को ब्रिटेन स्थित चैरिटीज एड फांउडेशन (CAF) द्वारा ‘वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स’ (World Giving Index)-2016 जारी की गयी।
  • इसमें कुल 140 देशों को शामिल किया गया है।
  • वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स-2016 में कुल तीन स्तंभों के आधार पर रैंकिंग प्रदान की गई है। ये तीन स्तंभ हैं-
    (i) किसी चैरिटी के लिए आर्थिक अनुदान (Donated Money to a Charity)।
    (ii) किसी संस्था के लिए स्वैच्छिक समय दान (Volunteered Your Time to an Organisation)
    (iii) किसी अजनबी की सहायता (Helped a Stranger, or Someone you didn’t know who needed help)
  • वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स, 2016 में सर्वोच्च दानशील देश होने का श्रेय म्यांमार को प्राप्त हुआ है, जिसका स्कोर-70 है।
  • इसके पश्चात संयुक्त राज्य अमेरिका (स्कोर-61) को दूसरा, ऑस्ट्रेलिया (स्कोर-60) को तीसरा, न्यूजीलैंड
    (स्कोर-59) को चौथा तथा श्रीलंका (स्कोर-57) को पांचवा स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इस सूची में सबसे निचले स्थान पर क्रमशः चीन (140 वां स्थान), फिलीस्तीन (139वां स्थान), यमन (138वां स्थान), ग्रीस (137 वां स्थान) तथा कांगो (136वां स्थान) रहे।
  • वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स-2016 में भारत को 91 वां स्थान (स्कोर-29) प्राप्त हुआ है।
  • जबकि गतवर्ष (2015) में कुल 145 देशों में भारत को 106वां स्थान प्राप्त हुआ था।
  • भारत के पड़ोसी देशों में श्रीलंका को 5वां स्थान, भूटान को 18वां स्थान, नेपाल को 39वां स्थान, पाकिस्तान को 92वां स्थान तथा बांग्लादेश को 94वां स्थान प्राप्त हुआ है।
  • ज्ञातव्य है कि ब्रिटेन आधारित ‘चैरिटीज एड फाउंडेशन’ द्वारा अपनी सहयोगी गैलप (Gallup) संस्था के सर्वेक्षण आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2010 से प्रतिवर्ष ‘वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स’ जारी किया जाता है।

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.cafonline.org/about-us/media-office/new-global-league-table-of-giving-shows-world-becomes-more-generous-than-ever
https://www.cafonline.org/docs/default-source/about-us-publications/1950a_wgi_2016_report_web_v2_241016.pdf?sfvrsn=4