रिजर्व बैंक ने उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विप्रेषण की पात्रता को दोगुना कर दिया

प्रश्न- हाल ही में रिजर्व बैंक ने उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विप्रेषण की पात्रता सीमा प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष कितना कर दिया?
(a) 75,000 अमेरिकी डॉलर
(b) 125,000 अमेरिकी डॉलर
(c) 250,000 अमेरिकी डॉलर
(d) 150,000 अमेरिकी डॉलर
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 3 फरवरी, 2015 को रिजर्व बैंक ने अपनी ‘छठी द्वैमासिक मौद्रिक नीति, 2014-15’ में ‘उदारीकृत विप्रेषण योजना’ (LRS: Liberalised Remittance Scheme) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विप्रेषण की पात्रता सीमा प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष बढ़ाकर 250,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया।
  • इसके तहत अब कोई भी भारतीय व्यक्ति रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना विदेश में 250,000 अमेरिकी डॉलर तक सालाना जमा कर सकता है या विदेश से भारत में ला सकता है।
  • ज्ञातव्य हो कि फरवरी, 2004 में रिजर्व बैंक ने ‘उदारीकृत विप्रेषण योजना’ (LRS) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विप्रेषण की पात्रता सीमा प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 25,000 अमेरिकी डॉलर निर्धारित की थी।
  • रिजर्व बैंक ने वर्ष 2013 में समष्टि-विवेकपूर्ण उपाय के रूप में उदारीकृत विप्रेषण योजना (LRS) के अंतर्गत विदेशी मुद्रा विप्रेषण की पात्रता सीमा को 75,000 अमेरिकी डॉलर किया गया था।
  • पुनः रिजर्व बैंक ने जून, 2014 में विदेशी मुद्रा बाजार में स्थिरता आने के साथ मार्जिन ट्रेडिंग, लॉटरी और ऐसे ही अन्य प्रतिबंधित विदेशी मुद्रा लेनदेनों को छोड़कर अंतिम उपयोग प्रतिबंधों के बिना इस सीमा को बढ़ाकर 125,000 अमेरिकी डॉलर कर दिया था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?Id=24964&Mode=0
http://rbi.org.in/scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=33144
http://www.thehindubusinessline.com/industry-and-economy/banking/rbi-doubles-forex-remittance-limit-to-250000/article6852032.ece