राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति का मसौदा

Centre drafts child protection policy

प्रश्न-निम्नलिखित पर विचार कीजिए-
(I) किशोर न्याय (बाल संरक्षण एवं देखभाल) अधिनियम, 2015
(II) बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005
(III) बाल श्रम (रोकथाम एवं विनियमन) अधिनियम, 2016 उपर्युक्त में से कौन-सा/से बाल संरक्षण से संबंधित है/हैं?
(a) I एवं II
(b) I एवं III
(c) II एवं III
(d) I, II एवं III
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • दिसंबर, 2018 में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ‘राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति’ का मसौदा जारी किया गया।
  • नीति का लक्ष्य बाल दुर्व्यवहार, शोषण एवं उपेक्षा की रोकथाम के माध्यम से सभी बच्चों के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल प्रदान करना है।
  • यह नीति सभी संस्थानों एवं संगठनों (कॉर्पोरेट एवं मीडिया समेत), सरकार या निजी क्षेत्र को बाल संरक्षण तथा बाल कल्याण प्रोत्साहन से संबंधित अपने दायित्वों को समझने के लिए एक रूपरेखा उपलब्ध कराती है।
  • नीति का विजन है भारत में सभी बच्चे सभी हालातों एवं परिस्थितियों में सुरक्षित रहें और सुरक्षित महसूस करें।
  • नीति के अनुसार, बाल कल्याण एवं संरक्षण के विविध नियमों एवं राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी संस्थानों तथा संगठनों को बाल संरक्षण नीति और कर्मकार आचार संहिता का विकास करना चाहिए।
  • सभी कर्मकारों/संविदा श्रमिकों को बाल संरक्षण घोषणा-पत्र पर अवश्य हस्ताक्षर करना चाहिए जो कि बाल दुर्व्यवहार एवं शोषण की शून्य सहनशीलता पर आधारित होना चाहिए।
  • कर्मकार/संविदा श्रमिक आचार संहिता में यह अवश्य निहित होना चाहिए कि वे जाति, रंग, लिंग, भाषा, धर्म आदि के बिना बच्चों से सहानुभूति एवं आदर का व्यवहार करेंगे।
  • वे बच्चों के विचारों का सम्मान करेंगे और बच्चों के साथ किसी तरह का अनुचित व्यवहार नहीं करेंगे।
  • सभी संस्थानों एवं संगठनों को अपने संगठन में बाल संरक्षण के लिए उपयुक्त प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अधिकारी नामित करना होगा।
  • बच्चों के साथ प्रत्यक्ष रूप से कार्य कर रहे संस्थानों एवं संगठनों को अपने सभी कर्मकारों को बाल अधिकारों तथा इससे संबंधित अधिनियमों के विषय में प्रशिक्षण देना होगा।
  • चिकित्सा प्रतिष्ठान (अस्पताल एवं चिकित्सालय) डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता जाति, लिंग, धर्म, अपंगता, भाषा आदि स्तरों के आधार पर भेदभाव या चिकित्सा से इंकार नहीं कर सकेंगे।
  • सभी सार्वजनिक स्थानों पर बाल हितैषी क्षेत्रों का विकास अवश्य किया जाना चाहिए।

लेखक-नीरज ओझा

संबंधित लिंक भी देखें… 

http://www.wcd.nic.in/sites/default/files/Download%20File_1.pdf

http://www.wcd.nic.in/node/2137145

https://www.firstpost.com/india/centre-releases-draft-child-protection-policy-invites-comments-from-stakeholders-till-4-january-all-you-need-to-know-5756111.html

https://www.thehindu.com/news/national/centre-drafts-child-protection-policy/article25776159.ece