‘‘म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट

IIT Kharagpur researchers develop ‘zero loss’ process for wet municipal solid waste management
प्रश्न- जुलाई, 2019 में कहां के वैज्ञानिकों ने म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ‘जीरो लॉस’ (Zero Loss) प्रक्रिया विकसित की है?
(a) IIT बॉम्बे
(b) IIT दिल्ली
(c) IIT खड़गपुर
(d) IIT मुंबई
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
  • जुलाई, 2019 में IIT खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (Municipal Solid Waste Management) के लिए ‘जीरो लॉस’ (Zero Loss) प्रक्रिया विकसित की है।
  • इस शोध दल ने ‘हाइड्रो थर्मल कार्बोनाइजेशन’ (Hydro Thermal Carbonization) नामक एक प्रक्रिया को अपनाया है जो भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल है।
  • भारतीय परिस्थितियों में मिश्रित सॉलिड म्युनिसिपल वेस्ट में नमी की मात्रा ज्यादा रहती है, जबकि वर्तमान में विकसित देशों से अपनायी गई प्रणाली सूखे कूड़े का निस्तारण करने पर आधारित है।
  • परंतु यह नई प्रणाली पानी का उपयोग करती है। अतः कूड़े में उपस्थित नमी का उपयोग स्वतः ही हो जाता है तथा हमें बाहर से अतिरिक्त ऊर्जा नहीं निवेश करनी पड़ती।
  • इस प्रक्रिया के फलस्वरूप अधिकांश म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट (MSW) जैव ईंधन (Bioful) व अधिशोषकों (Adsorbants) में परिवर्तित हो जाता है।
  • इस प्रक्रिया ने शहरी जैविक कचरे के पुर्नयोज्य संसाधन उत्पादन’ को 50-65 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
  • इस प्रौद्योगिकी की सफलता की कुंजी औद्योगिक पैमाने पर ‘HTC’ रिएक्टर’ डिजाइन करने में निहित है।
  • इस तकनीक की एक और खासियत है कि इसके द्वारा शून्य अपशिष्ट उत्पादन तक पहुंचा जा सकता है।
  • HTC प्रक्रिया के फलस्वरूप प्राप्त जैव ईंधन लिग्नाइट कोयले के समतुल्य है। अतः इससे जीवाश्म ईंधन की कमी व वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों को निपटाने में मदद मिलेगी।
  • इस प्रौद्योगिकी को नगर पालिकाओं द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर उपयोग में लाया जा सकता है जिससे कचरे का आसान प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सकता है।

लेखक-गोपाल कृष्ण पाण्डेय

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.indiatoday.in/education-today/news/story/iit-kharagpur-researchers-develop-zero-loss-process-for-wet-municipal-solid-waste-management-1575667-2019-07-31

http://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1580909