मरीजों के अधिकारों के चार्टर का मसौदा जारी

Draft of Patient Charter prepared by National Human Rights Commission

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘मरीजों के अधिकारों के चार्टर’ का मसौदा जारी किया गया। निम्नलिखित में से कौन से अधिकार इसमें शामिल हैं?
(a) सूचना का अधिकार
(b) आपातकालीन चिकित्सा देखभाल का अधिकार
(c) गोपनीयता, मानव गरिमा और निजता का अधिकार
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 30 अगस्त, 2018 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘मरीजों के अधिकारों के चार्टर’ (CHARTERS OF PATIENT RIGHTS) का मसौदा जारी किया गया।
  • यह मसौदा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा तैयार किया गया है।
  • मसौदे में मरीजों के 17 अधिकारों को समाहित किया गया है, जो इस प्रकार हैं-
  1. सूचना का अधिकार
  2. रिकॉर्ड एवं रिपोर्ट का अधिकार
  3. आपातकालीन चिकित्सा देखभाल का अधिकार
  4. सहमति सूचित करने का अधिकार
  5. गोपनीयता, मानव गरिमा और निजता का अधिकार
  6. द्वितीय विचार का अधिकार
  7. जहां भी प्रासंगिक हो, निर्धारित दरों के अनुसार देखभाल और दरों में पारदर्शिता का अधिकार
  8. गैर-भेदभाव का अधिकार
  9. मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण देखभाल एवं सुरक्षा का अधिकार
  10. यदि उपलब्ध हो, तो वैकल्पिक उपचार के विकल्पों के चयन का अधिकार
  11. जांच एवं दवाएं प्राप्त करने के स्रोत के चयन का अधिकार
  12. विपरीत व्यावसायिक प्रभाव से मुक्त उपमुक्त संप्रेषण एवं स्थानांतरण का अधिकार
  13. नैदानिक परीक्षणों में शामिल रोगियों के संरक्षण का अधिकार
  14. जैव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अनुसंधान में शामिल प्रतिभागियों के संरक्षण का अधिकार
  15. अस्पताल में मृतक का शरीर प्राप्त करने या रोगियों का निस्सरण (DISCHARGE) लेने का अधिकार
  16. रोगी शिक्षा का अधिकार
  17. सुनवाई एवं निवारण के प्रयास का अधिकार
  • मसौदे के अनुसार, प्रत्येक मरीज को बीमारी के कारण एवं प्रकृति, वैकल्पिक/पुष्ट निदान, प्रस्तावित जांच एवं प्रबंधन और संभावित जटिलताओं के संबंध में पर्याप्त प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।
  • प्रत्येक मरीज को भर्ती रोगी के रिकॉर्डों, जांच रिपोर्टों, मामले के कागजातों की मूल/छाया प्रतियों को प्राप्त करने का अधिकार है।
  • उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार आपातकालीन चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराना सभी सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों का कर्तव्य है और आपातकालीन चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना घायल व्यक्ति का अधिकार है।
  • प्रत्येक मरीज को यह अधिकार है कि किसी संभावित खतरनाक परीक्षण/उपचार से पहले सूचित सहमति मांगी जानी चाहिए, जिसमें कतिपय जोखिम शामिल हों।
  • प्रत्येक मरीज को निजता का अधिकार है और चिकित्सक का यह कर्तव्य है कि मरीज की स्वास्थ्य स्थिति एवं उपचार योजना को गोपनीय रखे।
  • प्रत्येक मरीज को मरीज/देखभाल करने वाले की पसंद के उपयुक्त चिकित्सक से दूसरी राय लेने का अधिकार है।
  • प्रत्येक मरीज एवं उसकी देखभाल करने वाले व्यक्तियों को अस्पताल द्वारा प्रत्येक प्रकार की सेवा एवं सुविधा के बदले आरोपित दरों के विषय में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है।
  • प्रत्येक मरीज को उसकी बीमारी या स्थितियों पर आधारित भेदभाव के बगैर उपचार प्राप्त करने का अधिकार है जिसमें एचआईवी स्थिति या अन्य स्वास्थ्य परिस्थिति, धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, आयु, यौन अभिविन्यास, भाषाई या भौगोलिक/सामाजिक उत्पत्ति शामिल हैं।
  • मरीजों को अस्पताल परिसर में सुरक्षा एवं हिफाजत का अधिकार है।
  • मरीजों एवं उसकी देखभाल करने वालों को स्थिति के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद उपलब्ध वैकल्पिक उपचार/प्रबंधन विकल्पों के मध्य चयन का अधिकार होगा।
  • चिकित्सक या अस्पताल द्वारा निर्धारित दवा को खरीदने के लिए मरीजों एवं उसकी देखभाल करने वालों को अपनी पसंद के पंजीकृत दवाखाना के चयन का अधिकार है।
  • मसौदे में मरीजों एवं उसके देखभाल करने वालों के कर्तव्यों के तहत स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, चिकित्सक को उपलब्ध कराना, परीक्षण आदि के समय चिकित्सक का सहयोग, निर्देशों का पालन आदि को शामिल किया गया है।
  • ‘मरीजों के अधिकारों का चार्टर’ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा स्वीकार किया जाएगा।
  • ध्यातव्य है कि भारत में मरीजों के अधिकारों से संबंधित वैधानिक प्रावधान अनुच्छेद 21, भारतीय चिकित्सा परिषद विनियम 2002, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940, नैदानिक प्रतिष्ठान अधिनियम 2010 आदि में किए गए हैं।

संबंधित लिंक…
https://mohfw.gov.in/newshighlights/draft-patient-charter-prepared-national-human-rights-commission
https://mohfw.gov.in/sites/default/files/PatientCharterforcomments.pdf