प्रश्न-मजदूरी संदाय (संशोधन) विधेयक 2017 का उद्देश्य किस अधिनियम में संशोधन करना है?
(a) मजदूरी संदाय अधिनियम, 1935
(b) मजदूरी संदाय अधिनियम, 1936
(c) मजदूरी संदाय अधिनियम, 1937
(d) मजदूरी संदाय अधिनियम, 1938
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 8 फरवरी, 2017 को राज्य सभा में एवं 7 फरवरी, 2017 को मजदूरी संदाय (संशोधन) विधेयक, 2017 लोकसभा में पारित हुआ।
- इसका उद्देश्य मजदूरी संदाय अधिनियम, 1936 में संशोधन करना है।
- अब राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात यह बिल 28 दिसंबर, 2016 को जारी किए गए मजदूरी संदाय अध्यादेश, 2016 का स्थान ले लेगा।
- 1936 के अधिनियम के तहत सभी प्रकार की मजदूरी को या तो करेंसी नोट या सिक्कों या दोनों में भुगतान किया जाना चाहिए।
- हालांकि कर्मचारी की लिखित अनुमति प्राप्ति के बाद नियोक्ता उसे चेक द्वारा वेतन दे सकता था या वेतन को उसके बैंक खाते में जमा कर सकता था।
- यह बिल किसी कर्मचारी के वेतन को निम्नलिखित तरीके से भुगतान की अनुमति देने हेतु 1936 के एक्ट में संशोधन करता हैः-
(i) सिक्कों या करेंसी नोट में (ii) चेक द्वारा (iii) या उनके बैंक खाते में जमा करके मजदूरी का भुगतान कर सकते हैं। - वेतन को चेक द्वारा देने या उसे बैंक खाते में जमा करने हेतु किसी नियोक्ता को कर्मचारी की लिखित अनुमति लेने की शर्त को इस बिल में हटा दिया गया है।
- हालांकि प्रासंगिक केंद्रीय या राज्य सरकार कुछ औद्योगिक या अन्य प्रतिष्ठानों को यह निर्दिष्ट कर सकता है कि उनके नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को केवल चेक द्वारा या कर्मचारी के बैंक खाते में जमा करने के माध्यम से भुगतान कर सकता है।
संबंधित लिंक
http://www.livemint.com/Politics/xu4Xygn2qryC06oe9UqMcI/Rajya-Sabha-passes-Payment-of-Wages-Amendment-Bill.html
http://www.prsindia.org/billtrack/the-payment-of-wages-amendment-bill-2016-4496/
http://164.100.47.5/Bullitensessions/sessionno/242/08022017.pdf