मंत्रिमंडल ने स्टैंडअप इंडिया योजना को मंजूरी दी

Cabinet approves Stand Up India Scheme

प्रश्न-अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टैंडअप इंडिया योजना के लिए कितनी प्रारंभिक राशि की स्वीकृति प्रदान की?
(a) 10,000 करोड़ रु.
(b) 20,000 करोड़ रु.
(c) 25,000 करोड़ रु.
(d) 30,000 करोड़ रु.
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 06 जनवरी, 2016 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए ‘स्टैंडअप इंडिया योजना’ को मंजूरी प्रदान की।
  • इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक उद्यमशील वर्ग के लिए औसतन प्रति बैंक शाखा से कम से कम दो ऐसी परियोजनाओं को सुगम बनाना है।
  • योजना के प्रारंभ के पश्चात 36 महीनों में कम से कम ढाई लाख स्वीकृतियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि के साथ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के जरिये पुनर्वित खिड़की उपलब्ध करायी जायेगी।
  • राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के माध्यम से एक ऋण गारंटी तंत्र का सृजन किया जायेगा।
  • उधार लेने वालों को ऋण पूर्व चरण एवं संचालनों दोनों प्रक्रियाओं में इस योजना के तहत सहयोग प्रदान किया जायेगा।
  • जिसमें लेखा क्रय सेवाओं के साथ उनकी घनिष्टता बढ़ाना, ऑनलाइन प्लेटफार्म एवं ई-मार्केट के साथ पंजीकरण तथा सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों एवं समस्या समाधान पर सत्रों का आयोजन सम्मिलित है।
  • यह योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के लिए समर्थन उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
  • इस योजना की स्वीकृति का समग्र उद्देश्य आबादी के ऐसे सुविधाविहीन क्षेत्रों तक बैंक ऋण की सुविधाएं प्रदान करने के लिए संस्थागत ऋण संरचना का लाभ पहुचाना है जहां पर बैंक ऋण अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं महिला वर्ग के ऐसे कर्जदारों द्वारा गठित गैर कृषि क्षेत्र में ग्रीन फील्ड उद्यमों के लिए 10 लाख से 100 लाख रुपये के बीच एवं 7 वर्ष की अवधि तक पुनर्अदायगी के योग्य होंगे।
  • इस योजना के तहत ऋण़ उपयुक्त रूप से संरक्षित एवं एक ऋण गांरटी योजना के माध्यम से ऋण गारंटी से समर्थित होंगे।
  • जिसके लिए वित्तीय सेवा विभाग निपटान कर्ता होगा तथा राष्ट्रीय गारंटी ट्रस्ट कंपनी लिमिटेड संचालक संस्था होगी।
  • समग्र ऋण का मार्जिन धन 25 प्रतिशत तक होगा। राज्य योजनाओं के साथ समन्वय से कई कर्जदारों के लिए मार्जिन धन जरूरत में वास्तविक कमी आने की आशा है।
  • एक अवधि के पश्चात ऐसा प्रस्ताव है कि क्रेडिट ब्यूरो के माध्यम से कर्जदारों के ऋण इतिहास का निर्माण किया जाएगा।
  • ध्यातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2015 को राष्ट्र के नाम संबोधन में इस योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की थी।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=44082
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=134220