भारत मृत्युदंड की सजा पर यूएनजीए में मतदान से अलग

India abstains from voting on UNGA resolution on goods used for capital punishment, torture
प्रश्न-हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के संदर्भ में कौन-सा तथ्य सही है?
(a) 28 जून, 2019 को पेश प्रस्ताव मृत्युदंड और यातना के लिए प्रयोग होने वाले सामानों के संदर्भ में था।
(b) प्रस्ताव में उक्त सामानों के व्यापार को समाप्त करने की संभावना का पता लगाने का प्रस्ताव था।
(c) इस प्रस्ताव पर मतदान से भारत अलग रहा।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 28 जून, 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मृत्युदंड और यातना से संबंधित पेश प्रस्ताव पर भारत मतदान से अलग रहा।
  • 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘यातना मुक्त व्यापार की ओर संभव सामान्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिए व्यवहार्यता, गुंजाइश और मापदंडों की जांच करना’ प्रस्ताव को अपनाया।
  • इस प्रस्ताव के पक्ष में 81 मत, विरोध में 20 मत पड़े जबकि 44 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
  • भारत भी मतदान में भाग न लेने वाले देशों में शामिल रहा।
  • प्रस्ताव के संदर्भ में भारत का विचार-
  • प्रस्ताव के तहत मृत्युदंड की सजा को यातना के बराबर रखने की कोशिश की गई।
  • यह यातना और अन्य मानवीय सजा को रोकने की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
  • यातना से मुक्ति एक मानवीय अधिकार है।
  • अत्याचार एक अपराध है और इसलिए यह गैर कानूनी है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह 73वां सत्र था जिसकी अध्यक्षता मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने किया।
  • 74वें सत्र के लिए तिजानी मुहम्मद बंदे को अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी हैं जिन्होंने इस प्रस्ताव पर कहा कि यातना के बराबर मृत्युदंड को रखना अस्वीकार्य है।

लेखक-राहुल त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.thehindu.com/news/international/india-abstains-from-voting-on-unga-resolution-on-goods-used-for-capital-punishment-torture/article28224606.ece

http://newsonair.nic.in/Main-News-Details.aspx?id=366699

https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/india-abstains-from-voting-on-unga-resolution-on-goods-used-for-capital-punishment-torture/articleshow/69999314.cms