भारत और मिस्र में समझौता

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत और मिस्र के मध्य किस क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी प्रदान की गई?
(a)  सूचना प्रौद्योगिकी
(b) वाणिज्य एवं व्यापार
(c)  कृषि और संबद्ध क्षेत्र
(d) पारंपरिक चिकित्सा एवं औषधि
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 12 सितंबर, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत और मिस्र के मध्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग हेतु समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी प्रदान की गई।
  • समझौता-ज्ञापन अंतर्गत सहयोग के क्षेत्रों में कृषि फसलों (विशेष रूप से गेंहू और मक्का), कृषि जैव प्रौद्योगिकी, नैनो तकनीक, सिंचाई और जल प्रबंधन प्रौद्योगिकी, जल संचयन और सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकी, ऊर्जा उत्पादन हेतु कृषि अपशिष्ट प्रबंधन, खाद्य सुरक्षा, बागवानी, कार्बनिक कृषि, मत्स्य पालन, कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन इत्यादि शामिल हैं।
  • अनुसंधान वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, कृषि सूचना संबंधी और वैज्ञानिक प्रकाशनों का आदान-प्रदान (पत्रिकाओं, किताबों, बुलेटिन, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर सांख्यिकी डेटा), जर्म प्लाजम और कृषि प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान और संयुक्त गोष्ठियों, कार्यशालाओं, परिचर्चा और अन्य समान गतिविधयों के माध्यम से सहयोग को प्रभावी बनाया जाएगा।
  • समझौता-ज्ञापन के तहत द्विपक्षीय मुद्दों पर परामर्श सहित पारस्परिक हित के मामलों पर सहयेाग को बढ़ावा देने हेतु एक संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्ल्यूजी) गठित किया जाएगा।
  • इस समूह की प्रारंभिक दो वर्षों में बैठक न्यूनतम एक वर्ष में एक बार भारत और मिस्र में होगी।
  • इस बैठक में संयुक्त कार्य समूह के लिए कार्यक्रम तैयार करने, सुविधा और परामर्श को तैयार करने और विशिष्ट मुद्दों के संबंध में अतिरिक्त सहयोग आदि मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

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