प्रश्न-1 जनवरी, 2020 से कितने डिग्री सेल्सियस पर रूम के एयर कंडीशनर में तापमान की डिफॉल्ट सेटिंग सुनिश्चित की गई?
(a) 20 डिग्री सेल्सियस
(b) 18 डिग्री सेल्सियस
(c) 24 डिग्री सेल्सियस
(d) 22 डिग्री सेल्सियस
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
(a) 20 डिग्री सेल्सियस
(b) 18 डिग्री सेल्सियस
(c) 24 डिग्री सेल्सियस
(d) 22 डिग्री सेल्सियस
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने 1 जनवरी, 2020 से 24 डिग्री सेल्सियस पर रूम एयर कंडीशनर में तापमान की डिफॉल्ट सेटिंग सुनिश्चित हुई।
- गौरतलब है कि 30 अक्टूबर, 2019 को केंद्र सरकार ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के साथ परामर्श करके रूम एयर कंडीशनरों के लिए नए ऊर्जा कार्य प्रदर्शन मानक अधिसूचित किए हैं।
- इसके अतिरिक्त नए मानकों के अनुसार, भारतीय सीजनल ऊर्जा दक्षता अनुपात स्पलिट एयर कंडीशनरों के लिए (3.30 से 5.00) और विंडो एयर कंडीशनर के लिए (2.70 से 3.50) तक होगा, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू होगा।
- उल्लेखनीय है कि इस अधिसूचना द्वारा बीईई स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम के दायरे में आने वाले सभी रूम एयर कंडीशनरों के लिए 24 डिग्री सेल्सियस डिफाल्ट सेटिंग को अनिवार्य किया गया था।
- बीईई ने वर्ष 2006 में स्थिर गति रूम एयर कंडीशनरों के लिए स्टार लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया था।
- यह कार्यक्रम 12 जनवरी, 2009 को अनिवार्य बना दिया गया।
- इसे 1 जनवरी, 2018 से अनिवार्य बनाया गया था।
- रूम एयर कंडीशनरों के लिए बीईई स्टार लेबलिंग कार्यक्रम में अब 10,465 वॉट (2.97TR) तक की कूलिंग क्षमता वाले फिक्स्ड और इन्वर्टर आरएसी दोनों ही शामिल हैं।
- रूम एयर कंडीशनरों के लिए स्टॉर लेबलिंग कार्यक्रम ने अकेले वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुमानित 4.6 बिलियन यूनिट ऊर्जा बचत की है।
- इसके अलावा 38 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाली 46 बिलियन इकाइयों की संचयी ऊर्जा बचत को भी बढ़ावा मिला है।
- बीईई के बारे में
- यह विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2002 में हुई थी।
- यह भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ नीतियों और रणनीतियों को विकसित करता है।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
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