फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी

प्रश्न-8 अप्रैल‚ 2022 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा सभी सरकारी योजनान्तर्गत फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी प्रदान की गई। जून‚ 2024 तक इसके पूर्ण क्रियान्वयन होने तक पूरी लागत भारत सरकार खाद्य सब्सिडी के हिस्से के रूप में वहन करेगी। प्रतिवर्ष चावल के फोर्टिफिकेशन की लागत कितनी होगी?
(a) लगभग 2200 करोड़ रुपये
(b) लगभग 2400 करोड़ रुपये
(c) लगभग 2500 करोड़ रुपये
(d) लगभग 2700 करोड़ रुपये
उत्तर—(d)
संबंधित तथ्य

  • 8अप्रैल‚ 2022 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा सभी सरकारी योजनान्तर्गत फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी प्रदान की।
  • इस मंजूरी के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस)‚ समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस)‚ प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण (पूर्ववर्ती मध्याह्न भोजन योजना) और केंद्र सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं में वर्ष 2024 तक चरणबद्ध ढंग से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जाएगी।
  • जून‚ 2024 तक इसके पूर्व कार्यान्वयन होने तक चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत (लगभग 2700 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष) खाद्य सब्सिडी के हिस्से के रूप में भारत सरकार वहन करेगी।
  • भारतीय खाद्य निगम और राज्य की एजेंसियों द्वारा आपूर्ति एवं वितरण हेतु अब तक लगभग 88.65 एलएमटी फोर्टिफाइड चावल की खरीद की जा चुकी है।
  • इस पहल के पूर्ण क्रियान्वयन के तीन चरण
  • चरण- I मार्च‚ 2022 तक संपूर्ण भारत में समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) और पीएम पोषण को कवर करना।
  • चरण-II चरण-I के साथ मार्च‚ 2023 तक सभी आकांक्षी और स्टंटिग की समस्या से व्यापक रूप से प्रभावित कुल 291 जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाएं
  • चरण-III चरण-II के साथ-साथ मार्च‚ 2024 तक देश के शेष जिलों को आच्छादित करना
  • उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (15अगस्त‚ 2021) को अपने संबोधन में चावल के फोर्टिफिकेशन के संबंध में घोषणा की थी।
  • इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को कुपोषण से मुक्ति दिलाना और महिलाओं‚ बच्चों‚ स्तनपान कराने वाली महिलाओं आदि में आवश्यक पोषक तत्त्वों की कमी को दूर करने हेतु पोषण प्रदान करना है।
  • इससे पूर्व वर्ष 2019-20 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ‘चावल का फोर्टिफिकेशन और इसका वितरण’ पर केंद्र प्रयोजित प्रायोगिक परियोजना को 3 वर्ष की अवधि के लिए लागू किया गया था।
  • ग्यारह राज्यों ने प्रायोगिक योजना के तहत अपने चिह्नित जिलों (प्रति राज्य एक जिला) में फोर्टिफाइड चावल का सफलतापूर्वक वितरण किया गया।
  • इन ग्यारह राज्यों में आंध्र प्रदेश‚ गुजरात‚ महाराष्ट्र‚ तमिलनाडु‚ छत्तीसगढ़‚ उत्तर प्रदेश‚ ओडिशा‚ तेलंगाना‚ मध्य प्रदेश‚ उत्तराखंड और झारखंड शामिल हैं।

लेखक – विजय प्रताप सिंह

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https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1814826