प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका का विमोचन

PM unveils operational guidelines for Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

प्रश्न-हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका का विमोचन किया?
(a) सीहोर, मध्य प्रदेश
(b) पानीपत, हरियाणा
(c) वाराणसी, उत्तर प्रदेश
(d) लुधियाना, पंजाब
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 18 फरवरी, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सीहोर में किसानों की एक विशाल रैली में ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका (Guidline) का विमोचन किया।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 जनवरी, 2016 को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ को मंजूरी दी थी।
  • यह योजना 1 अप्रैल, 2016 से लागू हो जाएगी और किसानों को इसका लाभ खरीफ के फसल से मिलना शुरू हो जाएगा।
  • इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं-
    (i) प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं बीमारियों के परिणामस्वरूप फसलों की क्षति की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहयोग एवं बीमा प्रदान करना।
    (ii) किसानों की कृषि निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु उनकी आय में स्थायित्व लाना।
    (iii) किसानों को नवप्रवर्तन एवं आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने हेतु प्रेरित करना।
    (iv) कृषि क्षेत्र में प्रवाह को सुनिश्चित करना।
  • नई फसल बीमा योजना के मुताबिक रबी फसल की बीमा का प्रीमियम 1.5 प्रतिशत, खरीफ फसलों का प्रीमियम 2 प्रतिशत तथा बागवानी व व्यावसायिक फसलों का बीमा प्रीमियम 5 प्रतिशत होगा।
  • नई योजना में सरकार द्वारा दिये जाने वाले अधिकतम भुगतान की सीमा (COP) को समाप्त कर दिया गया है।
  • इससे बीमा की पूरी प्रीमियम राशि जमा होगी तथा किसानों को पूरी दावा राशि प्राप्त होगी।
  • इस योजना के अंतर्गत सभी किसान बीमा योग्य हैं।
  • जिन किसानों ने ऋण लिया है उनके लिए अनिवार्य जबकि अन्य हेतु यह स्वैच्छिक है।
  • फसलों की बीमा हेतु भारतीय कृषि बीमा कंपनी (AIC) के अतिरिक्त अनेक निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी शामिल किया गया है।
  • नई बीमा योजना में खलिहान में पड़े अनाज का भी बीमा किया जाएगा।
  • वहीं, वर्तमान की फसल बीमा में सिर्फ खड़ी फसल का बीमा किया जाता है।
  • बीमित किसान यदि प्राकृतिक आपदा के कारण बुवाई नहीं कर पाता तो यह जोखिम भी शामिल है, उसे दावा राशि मिल सकेगी।
  • ओला, जलभराव और भूस्खलन जैसी आपदाओं को स्थानीय आपदा माना जाएगा।
  • अब स्थानीय आपदाओं की स्थिति में नुकसान का आकलन यूनिट आधारित न होकर व्यक्तिगत आधारित होगा।
  • इसमें पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान को शामिल किया गया है। फसल कटने के 14 दिन तक यदि फसल खेत में है और उस दौरान कोई आपदा आ जाती है तो किसान को दावा राशि प्राप्त हो सकेगी।
  • योजना में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा जिससे कि फसल कटाई/नुकसान का आकलन शीर्घ और सही हो सके।
  • नई बीमा योजना में फसल के नुकसान की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान तुरंत होगा और 30-40 दिन के भीतर शेष 75 प्रतिशत राशि जारी कर दी जाएगी।
  • आगजनी अथवा जानवरों के नुकसान करने पर फसल बीमा नहीं मिलेगा।
  • भूमिहीन व लीज पर खेती करने वाले किसानों को इस नई योजना में शामिल किया गया है।
  • कृषि मंत्रालय ने अगले 3 वर्षों में देश के 14 करोड़ किसानों में से 50 प्रतिशत को इस योजना के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है।
  • पहले वर्ष यानि 2016-17 में 30 प्रतिशत किसानों को नई फसल बीमा योजना में शामिल किया जाएगा।
  • इससे सरकार पर लगभग 5700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
  • दूसरे वर्ष यानि 2017-18 में यह दायरा बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगा और अतिरिक्त आर्थिक बोझ 7400 करोड़ रुपये हो जाएगा।
  • अंतिम वर्ष यानि 2018-19 में 50 प्रतिशत किसानों को नई फसल बीमा में लाने पर सरकार 8800 करोड़ रुपये वहन करेगी।
  • वर्तमान में लगभग 23 प्रतिशत किसान फसल बीमा कराते हैं।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=136545
http://agricoop.nic.in/imagedefault/whatsnew/sch_eng.pdf
http://www.narendramodi.in/pm-modi-addresses-kisan-kalyan-mela-at-sehore-release-guidelines-for-pmfby-414262
http://timesofindia.indiatimes.com/india/Cheaper-crop-insurance-scheme-gets-Cabinet-nod/articleshow/50566942.cms