पीएमएमवीवाई योजना में लाभार्थियों की संख्या

Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Reaches One Crore Beneficiaries
प्रश्न-मौजूदा समय में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) योजना के लाभार्थियों की संख्या-1 करोड़ से अधिक हो गई है इस योजना के संदर्भ में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह योजना 1 जनवरी, 2017 को शुरू की गई थी।
(b) इस योजनांतर्गत लाभार्थियों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।
(c) लाभार्थियों की संख्या के मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
(d) यह योजना अभी तक ओडिशा और तेलंगाना में लागू नहीं की गई है।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
  • मौजूदा समय में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो गई है।
  • योजनांतर्गत लाभार्थियों को अब तक कुल 4000 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई है।
  • प्रधामनंत्री मातृ वंदना योजना एक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना है, जिसके अंतर्गत महिलाओं को प्रदत्त राशि सीधे उनके बैंक खाते में प्रेषित की जाती है।
  • इस योजना का शुभारंभ 1 जनवरी, 2017 को किया गया था।
  • इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसरण में यह योजना देश के सभी जिलों में संचालित है।
  • इस योजनांतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ संबंधी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति पर परिवार में पहले जीवित बच्चे के लिए गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में 5000 रुपये की नकद राशि प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जाती है।
  • पात्र लाभार्थी को संस्था में प्रसव के पश्चात जननी सुरक्षा योजनांतर्गत मातृत्व लाभ के लिए अनुमोदित मानदंडों के अनुसार शेष राशि प्रदान की जाती है।
  • अर्थात औसतन प्रत्येक महिला को 6000 रुपये की राशि प्राप्त होती है।
  • इस योजना का क्रियान्वयन केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • इस योजनांतर्गत लाभार्थियों के संख्या के मामले में 3 शीर्ष राज्य-उत्तर प्रदेश (17,79,558), मध्य प्रदेश (12,51,714) और महाराष्ट्र (9,87,467) हैं।
  • यह योजना अभी ओडिशा और तेलंगाना में लागू नहीं है।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को पूर्व में इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से जाना जाता था।

संबंधित लिंक भी देखें…

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https://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=193293