पाइका विद्रोह घटना की 200वीं वर्षगांठ

President of India Inaugurates ‘Bicentenary Celebration of Paika Rebellion of Odisha’

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार ने पाइका विद्रोह घटना की 200वीं वर्षगांठ मनाने का निर्णय लिया। यह विद्रोह किस राज्य से संबंधित है?
(a) झारखंड
(b) केरल
(c) ओडिशा
(d) आंध्र प्रदेश
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 20 जुलाई, 2017 को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने वर्ष 1817 में ओडिशा राज्य में हुए पाइका विद्रोह घटना की 200वीं वर्षगांठ मनाने का निर्णय लिया।
  • पाइका विद्रोह ने पूर्वी भारत में कुछ समय के लिए ब्रिटिश हुकूमत की जड़े हिला दी थीं।
  • मूल रूप से पाइका ओड़िशा के उन गजपति शासकों के किसानों का असंगठित सैन्य दल था जो युद्ध के समय राजा को सैन्य सेवाएं मुहैया कराते थे और शांतिकाल में खेती करते थे।
  • इन लोगों ने वर्ष 1817 में बक्शी जगबंधु विद्याधर के नेतृत्व में ब्रिटिश राज के विरुद्ध बगावत का झंडा उठा लिया।
  • हालांकि ब्रिटिश राज के विरुद्ध विद्रोह में पाइका लोगों ने अहम भूमिका निभायी थी लेकिन किसी भी मायने में यह विद्रोह एक वर्ग विशेष के लोगों के छोटे समूह का विद्रोह भर नहीं था।
  • घुमसुर जो कि वर्तमान में गंजम और कंधमाल जिले का हिस्सा है वहां के आदिवासियों और अन्य वर्गों ने इस विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभायी थी।
  • पाइका विद्रोहियों को कनिका, कुंजग, नयागढ़ और घुमसुर के राजाओं, जमींदारों, ग्राम प्रधानों और आम किसानों का समर्थन प्राप्त था।
  • यह विद्रोह बहुत तेजी से प्रांत के अन्य इलाकों जैसे पुर्ल, पीपली और कटक में फैल गया।
  • इस विद्रोह से पहले तो अग्रेंज चकित रह गए लेकिन बाद में आधिपत्य बनाने की कोशिश की लेकिन उन्हें पाइका विद्रोहियों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
  • बाद में हुई कई लड़ाइयों में विद्रोहियों को विजय मिली लेकिन 3 महीने के अंदर ही अंग्रेज अंततः उन्हें पराजित करने में सफल रहे।

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