पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी नैपकिन-‘जन औषधि सुविधा’

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख एल. मांडविया ने पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी नैपकिन ‘जन औषधि सुविधा’ की शुरूआत की। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजनान्तर्गत की गई है।
(b) यह सुविधा देश भर में 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 3600 से अधिक जन औषधि केंद्रों पर शुरू की गई है।
(c) यह सैनिटरी नैपकिन इन केंद्रों पर 3 रुपए प्रति पैड की दर से उपलब्ध होगी।
(d) गांवों में मात्र 48 प्रतिशत महिलाओं की पहुंच सैनिटरी नैपकिन तक है।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 4 जून, 2018 को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख एल. मांडविया द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजनान्तर्गत पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी नैपकिन ‘जन औषधि सुविधा’ की शुरूआत की गई।
  • यह किफायती सैनिटरी नैपकिन देशभर में 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 3600 से अधिक जन औषधि केंद्रों पर 2.50 रुपये प्रति पैड की दर से उपलब्ध होगा।
  • यह विशिष्ट उत्पादन किफायती और सुविधाजनक होने के साथ-साथ नष्ट करने में भी आसान है।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार 15-24 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएं स्थानीय तरीके से बनाई गई सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं।
  • शहरों में 78 प्रतिशत महिलाएं स्वच्छ तरीकों का उपयोग करती हैं।
  • गांवों में मात्र 48 प्रतिशत महिलाओं की पहुंच सैनिटरी नैपकिन तक है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=179755
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=72568