डीआईपीपी और विपो में समझौता

DIPP & WIPO to set up Technology and Innovation Support Centers

प्रश्न-हाल ही में औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के मध्य किस उद्देश्य हेतु एक समझौता पर हस्ताक्षर किया गया?
(a) तकनीकी हस्तांतरण हेतु
(b) प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र स्थापित करने हेतु
(c) औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के कार्मिकों को प्रशिक्षण देने हेतु
(d) पेटेंट में सहयोग हेतु
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 8 मई, 2017 को औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO: World Intellectual Property Organization) ने प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र (TISC) स्थापित करने हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किया।
  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सहायता केंद्र कार्यक्रम के तहत विकासशील देशों में अभिनव खोज करने वालों की पहुंच स्थानीय एवं उच्च गुणवत्तापरक प्रौद्योगिकी सूचना एवं संबंधित सेवाओं तक सुनिश्चित की जाती है।
  • इसके अलावा इस प्रकार के लोगों की अभिनव संभावनाओं का दोहन करने तथा उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों के सृजन, संरक्षण एवं प्रबंधन में उनकी मदद की जाती है।
  • प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सहायता केंद्र द्वारा मुहैया सेवाओं में निम्नलिखित सेवाएं शामिल हैं-
    (1) ऑनलाइट पेटेंट एवं गैर पेटेंट (वैज्ञानिक और तकनीकी) संसाधनों तथा बौद्धिक संपदा से संबंधित प्रकाशनों तक पहुंच।
    (2) तकनीकी सूचनाओं को खोजने एवं उनकी प्राप्ति में मदद करना।
    (3) डेटाबेस को खोजने के विषय में प्रशिक्षण प्रदान करना।
    (4) प्रौद्योगिकी और प्रतिस्पर्धियों पर नजर रखना।
    (5) औद्योगिकी संपदा कानूनों पर बुनियादी सूचनाएं, प्रबंधन एवं रणनीति तथा प्रौद्योगिकी का वाणिज्यिकरण एवं विपणन।
  • आईपीआर संवर्धन एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) की प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र के राष्ट्रीय तंत्र के लिए राष्ट्रीय केंद्र बिन्दु नामित किया गया है।
  • आईपीआर संवर्धन एवं प्रबंधन प्रकोष्ठ (IPAM) का कार्य संभावित मेजबान संस्थानों की पहचान करना, उनकी क्षमताओं का आकलन करना और टीआईएसी परियोजना से जुड़ने में उनकी सहायता करना है।
  • इसके अलावा सीआईपीएएम विपो तथा टीआईएएसी के मेजबान संस्थानों के मध्य प्रमुख मध्यस्थ के रूप में काम करेगा और साथ में राष्ट्रीय टीआईएससी नेटवर्क की गतिविधियों के बीच समन्वय स्थापित करेगा।
  • वर्तमान में पूरे विश्व में 500 से अधिक टीआईएससी कार्यरत हैं।
  • सीआईपीएएम की योजना आगामी वर्षों में विश्वविद्यालयों, राज्य विज्ञान परिषदों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों इत्यादि में टीआईएससी की स्थापना से ज्ञान को साझा करने, टीआईएएसी के मध्य सर्वोत्तम रीतियों को साझा करने, क्षमता निर्माण और बौद्धिक संपदा के सृजन एवं वाणिज्यिकरण को बढ़ावा देना।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=60844
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=161624